US: सांसद इलहान अहमद इस्लामी हिजाब तो रशीदा तलीब फलस्तीनी लेबास में सदन में नज़र आई!

अमरीका में फ़िलिस्तीनी मूल की महिला सांसद रशीदा तलीब अपने विशेष फ़िलिस्तीनी लेबास में नज़र आईं जबकि सूमालियाई मूल की सांसद इलहान अहमद इस्लामी हेजाब में सदन के भीतर दाख़िल हुईं और पहले ही दिन दोनों महिला सांसद सुर्खियों में आ गईं।

तलीब ने प्रतिनिधि सभा में दाख़िल होते ही साहसी बयान दिया उन्होंने क़ुरआन पर हाथ रखकर पद और गोपनीयता की शपथ लेते हुए कहा कि डील आफ़ सेंचुरी के जनक ट्रम्प को बर्खास्त करवाने के लिए काम करेंगी।

यही नहीं तलीब ने कांग्रेस में अपने कार्यालय में इस्राईल के मानचित्र की जगह पर फ़िलिस्तीन का नक़्शा लगाया। वास्तव में इस्राईल का कोई नक़शा नही है वह फ़िलिस्तीन का मानचित्र है। इस्राईल तो फ़िलिस्तीन की धरती पर ग़ैर क़ानूनी रूप से बसा है।

कार्यालय के भीतर नक़्शा बदलने पर बड़ा हंगामा मचा। तलीब ने बड़े प्रबल रूप से फ़िलिस्तीन का मुद्दा अमरीकी कांग्रेस के भीतर उठाया और अकेले अपने बलबूते पर यह काम कर डाला। उन्हें न तो किसी अरब लाबी का समर्थन मिला और न ही किसी फ़िलिस्तीनी गलियारे ने उनके समर्थन में कोई बयान दिया। तलीब ने अमरीकी संस्थाओं पर यहूदी लाबी के वर्चस्व को तोड़ देने का सुबूत पेश किया है।

रशीदा तलीब ने राष्ट्रपति ट्रम्प के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया शायद कुछ लोग उन पर आपत्ति जताएं लेकिन यह भी तथ्य है कि ट्रम्प अपने बयानों में कभी भी भाषा की मर्यादा का ख़याल नहीं रखते।

तलीब तथा इलहान अहमद ने अमरीकी कांग्रेस में इस्लामी अरब उदाहरण पेश किया है और यह साबित किया है कि वह अमरीकी समाज तथा अमरीकी संस्थाओं की गहराई से समझ रखती हैं।

अरब सरकारों की ओर से इन दोनों महिलाओं की सबसे बड़ी सेवा यह हो सकती है कि वह ख़ुद को दूर रखें क्योंकि यह सरकारें भ्रष्टाचार और दमनात्मक नीतियों में लिप्त हैं। इन सरकारों को चाहिए कि अमरीका और इस्राईल के सामने दुम हिलाने की अपनी घटिया आदत और नीति के विस्तार की कोशिश न करें।

फ़िलिस्तीनी लेबास में रशीदा तलीब का अमरीकी कांग्रेस के भीतर नज़र आना एक बड़ी कामयाबी है यह अमरीका और दुनिया में अपनी छवि सुधारने के लिए अरब सरकारों की ओर से अरबों डालर की रक़म ख़र्च करके स्थापित की जाने वाली तसवीर से ज़्यादा बड़ी सफलता है। कुछ अरब सरकारें तो इस मिशन के लिए इस्राईल समर्थक कंपनियों का प्रयोग कर रही हैं।

हम दोनों महिला सांसदों के कांधों पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी नहीं डालना चाहते और उनसे बहुत सारी उम्मीदें नहीं लगाना चाहता बस यही काफ़ी है कि वह अमरीकी कांग्रेस के भीतर मौजूद हैं और ज़ायोनी लाबियों को ललकार रही हैं।