उत्तर प्रदेश के बरेली में एक प्राइमरी टीचर की कोशिशों को इन दिनों खूब सराहा जा रहा है. नसरीन शम्सी नाम की टीचर बदलाव की शुरुआत कर रही है.
दरअसल, शम्सी काफी वक्त से एक मदरसे में हिंदू बच्चों को उर्दू पढ़ाने का काम कर रही हैं. इस पढ़ाई के लिए वे बच्चों से कोई रकम नहीं लेती। शम्सी का कहना है कि उनकी क्लास में हर मजहब हर जाति के बच्चे को आने और पढ़ने की छूट है.