VIDEO: देश को कुछ चंद परिवार चला रहें हैं यह कहना गलत नहीं होगा

देश को कुछ चंद परिवार चला रहें हैं यह कहना गलत नहीं होगा. वीडियो में तस्वीरों को देखें.

रोज़ कमाने-खानेवाला छोटा व्यापारी जब धंधे को थोड़ा बढ़ाना चाहता है तो आज भी अपने या अपने घरवालों की हसरतों को मारकर 1500 रुपए का फ़ोन खरीदने का सोचता है. लेकिन रिलायंस की मालकिन नीता अंबानी 315 करोड़ का हीरे मोती से जड़ा फ़ोन इस्तेमाल करती हैं.

जब एक मज़दूर दिनभर मेहनत करके देश का माल ढोता है तो वह पांच रुपए की चाय और एक छोटे पार्लेजी से संतुष्ट हो जाता है तब नीता अंबानी 1 लाख रुपए की चाय पीती हैं. दोस्तों अजीब विडंबना है कि देश आज़ादी के बाद कुछ कमा नहीं पाया यह सत्य नहीं है.

आज विभिन्न इकनोमिक गुरु देश को दुनिया के सबसे बड़े बाजार के रूप में देखते हैं. देश आज़ादी के वक़्त से ही एक बड़ा बाजार था, सिर्फ आबादी कि वजह से. बस उस वक़्त बाहर वाले लोगों ने आकर मोहर नहीं लगायी थी. तब देश ने खूब कमाया, लेकिन कुछ लोगों के लिए ही. चुंनिंदा नामी परिवारों के लिए ही.

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सोचें वारेन बफे, अमेज़न सीईओ, रिचर्ड बेंसोन, माइक्रोसॉफ्ट फाउंडर बिल गेट्स, इन लोगों को भी इनके देश ने खूब कमाके दिया, पर इन्होने जो दश को नौकरियां विकसित कीं, जो इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलोप किया उससे पूरे अमेरिका को बहुत फ़ायदा हुआ.

ज़रा सोचें हमारे अमीरों ने हमारे देश के लिए क्या किया ? 315 करोड़ का मोबाइल, 40 लाख का हैंडबैग और 1 लाख कि चाय.