एक ऐसा गाँव, जहाँ के लोग 15 सालों से एक ही दस्तरखान पर करते हैं इफ्तार

बर्लिन: सामूहिक इफ्तार का कल्चर तो पूरी दुनिया में है और मुस्लिम रोज़ेदार एक दूसरे को इफ्तारी में शामिल करने को अज्र व सवाब समझते हैं, लेकिन तुर्की में एक गांव ऐसा भी है जहाँ के लोग पिछले 15 सालों से रमज़ान के दौरान एक ही दस्तरखान पर इफ्तार करते हैं।

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अलअरबिया डॉट नेट के अनुसार तुर्की के राज्य ‘योज़गात’ के उपनगर ‘कार्ली’ के सभी महिला व पुरुष रमज़ान का महीना आते ही आपसी रंजिशों को भुलाकर मोहब्बत व भाईचारे का व्यवहार व्यक्त करते हैं और पूरे रमज़ान के महीने एक ही दस्तरखान पर इफ्तार करते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार ‘कार्ली’ एक छोटा सा कस्बा है, जहाँ लगभग 30 घर हैं। गांव के सभी लोग एक स्थानीय मस्जिद समाज कल्याण केंद्र में इफ्तार से पहले जमा होते हैं।
गांव के मेयर रजब ज़वीगो का कहना है कि गांव में तीस परिवार और पूरे महीने के दौरान रोजाना एक परिवार को इफ्तार की व्यवस्था और भोजन बनाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। इसके बावजूद अन्य पड़ोसी भी उनकी मदद करते हैं।

उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी मोहल्ले के सभी व्यक्ति इसी तरह एहतमाम करते रहेंगे, सामूहिक इफ्तार, भाईचारे और सौहार्द का माहौल बनाए रखेंगे। उनका कहना है कि सामूहिक इफ्तार की बरकत है कि यहां एक-दूसरे से कोई शिकवा नहीं। हम एक परिवार की तरह एक दूसरे के दुख और दर्द में शरीक होते हैं।