नवजात बच्चा, जिसकी आँखें भी ठीक से नहीं खुली हो क्या उसके लिए भी आधार की जरूरत है?- ममता बनर्जी

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बग़ैर कोई ज़मानत के आधार लिंकिंग की आवश्यकता पर केंद्र पर एक-बार फिर ज़बानी हमला करते हुए कहा कि इस से किसी व्यक्ति के मूल अधिकार की ही उल्लंघन होगा। बनर्जी ने कल यहां यूनिवर्सल डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ़ राइट्स के 69 वीं वार्षिक समारो से संबोधित करते हुए ये मुद्दा उठाया।

उन्होंने पूछा, “एक नवजात बच्चा, जिसकी आँखें भी ठीक से नहीं खुली हो उस के लिए आधारार्ड की ज़रूरत है और क्या ये बच्चे के साथ नाइंसाफ़ी नहीं है। उन्होंने कहा-”एक शख़्स के बैंक एकाऊंट से आधार लिंक क्या ये यक़ीनी बनाया जा सकता है कि इस के एकाऊंट से पैसे ख़ुद-कार तरीक़े से नहीं कटींगे”।

इस का पैंशनरों पर बुरा असर पड़ेगा। “मुख्यमंत्री ने न्यायपालिका से इस संबंध में आम लोगों के साथ न्याय करने की अपील की है। एक घटना के बारे में बात करते हुए, कहा-”कोलकाता में गार्डनरेच इलाक़े की एक घटना रोशनी में आई है। एक नौजवान इसके आज़ाद की हिरासत में मौत हो गई। गर्भवती पत्नी का मेरे पास आई, मैं इस के घर पहुंची और इस के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। मैंने 21 दिनों तक धरना दिया और इस के बाद प्रधान मंत्री ने मुझे आश्वासन दिया कि मानवाधिकार आयोग की स्थापना यहां लागू की जाएगी।