WhatsApp ने मोदी सरकार की शर्तों को मानने से किया इनकार, नहीं बताएगा मेसेज का सोर्स,

भारत सरकार के दवाब के चलते  एक शर्त को छोड़कर, बाकी शर्तें मानने को तैयार हो गया है। कंपनी ने मेसेज के ओरिजिन (सोर्स) का पता लगाने वाले फीचर को ऐड करने में असमर्थता जताई है। बताया जा रहा है कि वॉट्सऐप ने सरकार को बताया है कि कंपनी यूजर का डेटा एक्सेस कर पाने में असमर्थ है साथ ही यूजर की प्रिवेसी से छेड़छाड़ भी नहीं कर सकती है।

कंपनी के एक सीनियर एग्जिक्युटिव ने बताया, ‘डेटा यूजर्स की डिवाइस में सेव होता है। डिक्रिप्शन के लिए न सिर्फ वॉट्सऐप बल्कि ऐपल और गूगल को भी मेसेजिंग सर्विसेज के काम करने के मूल तरीके में बदलाव करना पड़ेगा।’ बता दें कि अभी वॉट्सऐपर पर आने वाले सभी मेसेज ऐंड-टू-ऐंड इनक्रिप्टेड होते हैं और इन्हें डीकोड नहीं किया जा सकता।

बता दें कि भारत में वॉट्सऐप के जरिए फेक न्यूज और अफवाहें फैलने के बाद लिंचिंग जैसी घटनाएं हुई हैं। वॉट्सऐप के सीईओ क्रिस डैनियल ने मंगलवार को केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से दिल्ली में मुलाकात थी। इस मुलाकात के दौरान सरकार ने वॉट्सऐप से अफवाहों को रोकने, पॉर्न और फेक न्यूज पर लगाम के लिए तकनीकी समाधान ढूंढने को कहा था।

सरकार ने ये तीन शर्तें रखी थीं 
1- वॉट्सऐप पर फेक न्यूज और अफवाहों को रोका जाए और इसके लिए प्रभावी समाधान किया जाए।
2- भारत में काम करने के लिए कार्यालय बनाया जाए।
3- फर्जी संदेश के सोर्स (ओरिजिन) का पता लगाने के लिए तकनीकी समाधान तलाशें और शिकायत निपटारे के लिए अधिकारी नियुक्त करें।