‘चन्दन गुप्ता की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक कर योगी सरकार’

कासगंज में भड़काए जा रहे दंगे में घटना के चश्मदीदों का बयान है कि चन्दन की मौत पुलिस की गोली से हुई है जो दंगाइयों को नियंत्रण करने के दौरान पुलिस की तरफ से की गई कार्यवाही के दौरान हुई है जिसमें चन्दन के साथ साथ मुस्लिम पक्ष के दो लोग भी पुलिस कार्यवाही में घायल हुए हैं ..

चन्दन के नाम पर हिंदुओं को भड़काने की कोशिशों में लगे हिंदूवादी संघठन के लोग जानते हैं कि अगर चन्दन गुप्ता की वे पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करेंगे तो योगी सरकार स्वयं उसकी हत्या की ज़िम्मेदार निकलेगी इसलिए वे जान बूझकर इसका ठीकरा मुसलमानों पर फोड़ चन्दन की हत्या के मामले को साम्प्रदयिक मुठभेड़ दिखाकर उसको शहीद बताने में लगे हैं, प्रशाशन की चन्दन की मौत पर चुप्पी और हिंदूवादी संघटनों का उसकी लाश पर तांडव कर उसकी मौत की सच्चाई को दबा देना इस बात की और सीधा इशारा है कि ये पूरा खेल सामने से बज़ाहिर हिन्दू और मुस्लिम का लगे पर इसमें राजनीति का वो सबसे नीच स्तर काम कर रहा है जिसका काम ही लाशों पर राजनीति कर अपने अपने वोट बैंक को मजबूत करना है , कुछ चन्दन मरते हैं तो मरें , कुछ अकरम मरते हैं तो मरें , उनको वोट चाहिए और वो हिन्दू हो या मुस्लिम दोनों की लाश को नोच नोच कर खाकर वोट रूपी ग़िज़ा से अपना पेट भरते ही रहेंगे ..

डाक्टर उमर फारूक अफरीदी

(लेखक के निजी विचार हैं)