अफगानिस्तान में मंगलवार को एक धार्मिक सभा के दौरान आत्मघाती हमले में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि 80 से अधिक घायल हो गए जिनमें से 20 की हालत गंभीर बनी हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता वाहिद मजरोह ने यह जानकारी दी।
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उन्होंने कहा, आतंकियों ने काबुल में पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में एकत्रित हुए उलेमा काउंसिल के सदस्यों को निशाना बनाया। वहीं आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी हमले की पुष्टि करते हुए कहा, आत्मघाती हमलावर ने कार्यक्रम हॉल में आकर भीड़ के बीच खुद को उड़ा दिया।
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काबुल पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता बशीर मुजाहिद ने कहा,‘‘हमले के पीड़ित दुर्भाग्यवश धार्मिक विद्वान थे जो पैगंबर मोहम्मद का जन्मदिन मनाने के लिए एकत्र हुए थे।’’ वहीं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे ‘‘इस्लामी मूल्यों और पैगंबर मोहम्मद के अनुयायियों पर एक हमला’’ बताया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इस हमले की निंदा की और पीड़ितों के प्रति संवेदना जाहिर की।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीते गुरुवार (15 नवंबर) को अफगान के पश्चिमी फराह प्रान्त में तालिबान के हमले में 30 पुलिसकर्मी मारे गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने खाकी साफेद जिले में बुधवार देर रात पुलिस की चौकी पर हमला किया था। वहीं जवाबी हवाई हमलों में 17 तालिबानी लड़ाके भी मारे गए थे।
बता दें कि तालिबान कुछ महीनों से लगभग रोज ही अफगानिस्तान में हमले कर रहा है, जिससे अफगान बल बड़ी संख्या में हताहत हो रहे हैं। प्रशासन रोजाना हताहत हुए लोगों की संख्या जारी नहीं करता लेकिन अनधिकृत आकलन के अनुसार, करीब 45 अफगान पुलिस कर्मी या सैनिक रोजाना मारे जाते हैं या घायल होते हैं।
साभार- ‘अमर उजाला’