योगी सरकार का फरमान: सात दिन में ठीक हो हैंडपम्प, वरना होगी कार्रवाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद अधिकारियों को उनके कार्य के प्रति सजक और जागरूक बनाया जा रहा है। लेकिन अभी भी बहुत से अधिकारी और विभाग हैं जो अपनी आदत से बाज़ नहीं आते। योगी सरकार ने गर्मी को देखते हुए गांवों में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए है। गांव मे लगे हैण्डपम्प को शासन ने ग्राम पंचायत की संपत्ति मानते हुए इसे ठीक कराए जाने का आदेश दिया है। यदि सात दिन में नल नहीं बने तो ग्राम पंचायत अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है। गर्मी में गांव के नल सूख जाते हैं। कई गांवों में नल से गंदा पानी और कीचड़ आने लगता हैं वहीं कुछ तो सूख चुके हैं। इसके चलते गांव के लोगों को पानी की समस्या होनी शुरू हो गई है। शासन ने इसे गंभीर से लिया है। उसने विकास खंडों को निर्देशित किया है कि वह गांव के नलों की मरम्मत सात दिन के अंदर कराएं। इसके लिए 14 वें वित्त और चतुर्थ खाते का उपयोग करें। यही नहीं इस खाते में पर्याप्त धनराशि भी उपलब्ध है। इसके चलते नलों की मरम्मत जल्द होनी चाहिए। यही नहीं निर्देश में कहा गया है कि इसकी जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की होती है। ऐसे में उन्हें इस जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास करना चाहिए। गांव में यदि सात दिन तक कोई नल नहीं चला तो शिकायत होने पर ग्राम पंचायत अधिकारी की क्लास लगाई जा सकती है। दरअसल, गोतनी, सराय स्वामी, करेंटी, हथिगवां, किलहनापुर सहित दर्जनों गांव में अभी से पानी की समस्या खड़ी हो गई है। इन्हें रिबोर सहित मरम्मत की जरूरत है लेकिन कहीं कोई नल बनवा पाने में ग्राम पंचायतें अपने आप को अक्षम पा रहीं थीं। इसके विपरीत अधिकारियों का ये हाल है कि उनको पता ही नहीं है उनके क्षेत्र में कितने नल लगे और कहां कहां लगे है ऐसे में योगेी सरकार का ये आदेश कितना कारगर होगा इसका असर आने वाले समय में देखना होगा।