अजमेर सेंट्रल जेल में 140 मुस्लिम कैदी रख रहे हैं रोज़ा, अजमेर दरगाह कमीटी भेजती है सहरी और इफ्तार!

इन दिनों मुस्लिमों का पवित्र रमज़ान का महीना चल रहा है। सभी रोज़ेदार खुदा की खिदमत में लगे हुए हैं। इस बीच एक खबर राजस्थान के अजमेर की सामने आई है कि वहां के सेन्ट्रल जेल में 140 कैदी भी रोज़ा रख रहे हैं। वह ईरानी खजूर से रोजा खोलते हैं। इसके लिए हजरत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह कमेटी प्रतिदिन इन रोजेदार बंदियों को पांच किलो खजूर भेजती है।

इस बारे में कमेटी के दारोगा मोबीन अहमद खान ने बताया कि बंदी होने से इन्हें उनके परिजन जेल में सेहरी और इफ्तार का सामान नहीं पहुंचा सकते। इस परेशानी और मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए दरगाह कमेटी ने पहल की और जेल में रोजा रखने वाले बंदियों को प्रतिदिन सामग्री पहुंचाने का यह फैसला किया।

कैदियों को प्रतिदिन पांच किलो ईरानी खजूर और दो केन मीठे के भी प्रतिदिन भेजे जाते हैं.इनमे एक दिन खीर और दूसरे दिन हरीरा पहुंचाया जाता है। यही नहीं रोजेदार बंदियों के लिए 35 किलो मौसमी फल भी भेजे जा रहे हैं।

बता दें कि रमज़ान के इस महीने में गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी ने भी जेल में बंदियों के लिए एक दिन का रोजा इफ्तार का कार्यक्रम भी रखा और रोजेदारों को इफ्तार कराया गया।

सोसायटी के सदर शेखजादा जुल्फिकार चिश्ती ने सभी बंदियों को टोपी, तस्बीह भी दी। वहीं जेल अधीक्षक संजय यादव ने औसतन 150 बंदी के रोजा रखने और दरगाह कमेटी द्वारा निशुल्क सेहरी व इफ्तार की सामग्री देने की बात स्वीकारी।