राहुल गाँधी और शरद पवार से हाथ मिला सकते हैं राज ठाकरे !

देशभर में लोकसभा चुनाव में औंधे मुंह गिरी कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी को अब महाराष्ट्र में चुनावी बेड़ा पार लगाने के लिए अब एक ही उम्‍मीद बची है. ये उम्‍मीद हैं राज ठाकरे. महाराष्‍ट्र में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में दोनों ही पार्टियां राज ठाकरे की एमएनएस पर डोरे डालने में जुटी हैं. राज ठाकरे से एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की मुलाकात के बाद कांग्रेस के नेताओं का एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकातों का दौर तेज हो गया है. महाराष्ट्र के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष मणिकराव ठाकरे ने राज ठाकरे से मुलाकात की. माना जाता है कि विधानसभा चुनाव में एमएनएस से गठबंधन की तैयारी को अमली जामा पहनाने की विपक्षी कोशिशें तेज हैं.

महाराष्ट्र में अकटूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. लिहाजा दोनों विपक्षी पार्टियां सूबे में चुनावी नैया पार लगाने के लिए राज ठाकरे की दहलीज पर बार-बार दस्तक दे रही हैं. केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की ताजपोशी के बीच एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार खामोशी से राज ठाकरे से मिलने उनके घर पहुंच गए. दोनों ही पार्टियों के ज्यादातर नेता विपक्षी पार्टियों के महाराष्ट्र में बन रहे महागठबंधन में राज ठाकरे की एमएनएस को जोडने की वकालत कर रहे हैं.

दरअसल राज ठाकरे ने लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी का एक भी उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा था, लेकिन सूबे में घूम घूम कर कांग्रेस और एनसीपी के सियासी किलों को ढहने से बचाने की कोई कोर कसर नहीं छोडी थी. राज ठाकरे ने अपनी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था. हालांकि राज ठाकरे की एक ना चली. लोकसभा चुनावों में बीजेपी-शिवसेना 48 लोकसभा सीटों में से 41 जीतने में कामयाब रही. कांग्रेस का महज एक सांसद बना जबकि एनसीपी भी महज 4 सीटें जीत पाई. एनसीपी के समर्थन से विपक्षी झोली में सूबे में एक अन्य सीट मिली. अब पवार खेमा और कांग्रेस का एक धडा विधानसभा में राज ठाकरे से हाथ मिलाकर चुनावी समर में कूदना चाहता है.

कांग्रेस नेता मणिकराव ठाकरे ने कहा, राज ठाकरे से मुलाकात हुई है. वो काफी आक्रामक ढंग से विपक्ष की बात रख रहे हैं. बीजेपी और मोदी अमित शाह की जोड़ी पर सियासी हमले उनके तीखे रहे हैं. मिलकर चुनाव लड़ने में विपक्ष को फायदा होगा.

महाराष्‍ट्र की 225 सीटों पर बढ़त
सूबे में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन ने 41 लोकसभा सीटें जीत कर राज्य की विरोधी पार्टियों का सूपड़ा साफ कर दिया है. इसी के साथ बीजेपी और शिवसेना को सूबे की 225 विधानसभा सीटों पर बढ़त पा ली है. केंद्र में प्रचंड बहुमत के साथ मोदी सरकार दोबारा आई है. महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की प्रचंड जीत में एआईएमआईएम और प्रकाश अंबेडकर के गठबंधन बहुजन वंचित आघाडी की भी बड़ी भूमिका है. इस गठबंधन ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाई.

कांग्रेस नहीं बना पा रही है मन
बीजेपी और शिवेसना गठबंधन की झोली में 48 में से 41 सीटें आईं हैं. 25 सीट पर चुनावी समर में उतरी बीजेपी को 23 पर जीत मिली जबकि शिवसेना के कोटे की 23 सीटों पर लडे 18 उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब रहे. राज ठाकरे से हाथ मिलाकर मराठी वोटबैंक में सेंध लगाकर शरद पवार और काग्रेस पार्टी सूबे की विधानसभा में अपनी वापसी के सियासी ताने बाने बुन रही है. पवार खेमा राज ठाकरे को साथ लेकर चुनाव लडने के फुल मूड में है, हालांकि कांग्रेस राज ठाकरे से सीधे हाथ मिलाने में अभी ठिठक रहा है. कांग्रेस में राज ठाकरे की एमएनएस को लेकर दो फाड़ हो गये हैं.