वाइस चांसलर यूनीवर्सिटी आफ़ हैदराबाद को सियासी ताईद

हैदराबाद सेंट्रल यूनीवर्सिटी में एसा किया हुआ था जिसकी वजह से स्टूडेंट्स इस क़दर ग़ुस्सा हैं और यूनीवर्सिटी इंतेज़ामीया खास्कर वाइस चांसलर के ख़िलाफ़ मुसलसिल एहतेजाज कर रहे हैं? 17 जनवरी को रोहित की मौत के मुताल्लिक़ तो सब जानते हैं कि रोहित ने अपने कमरे में फांसी लेते हुए ख़ुदकुशी करली थी और जो मकतूब रोहित ने तहरीर किया था इस में इस बात की शिकायत की थी कि वो दलित होने के सबब हरासानी का शिकार है और इस मुल्क में पिछड़े तबक़े से ताल्लुक़ रखना इसे जुर्म महसूस होने लगा है।

वाइस चांसलर यूनीवर्सिटी आफ़ हैदराबाद प्रोकेसर पी अप्पा राव‌ की शख़्सियत के मुताल्लिक़ राय पाई जाती है, वो एक माईक्रो ब्यालोजी के प्रोफेसर हैं और उन के नज़रियात कुछ हद तक एसे हैं जिन्हें आम हिन्दुस्तानी पसंद नहीं करता। इन पर ज़ात पात और भेद-भाव के इल्ज़ामात स्टूडेंट्स की तरफ से लगाए गए हैं लेकिन बाज़ स्टूडेंट्स एसे भी हैं जो इन इल्ज़ामात की तरदीद करते हैं।

अख़बारात में जो इत्तेलाआत शाय हो रही हैं, उन के मुताबिक़ प्रोकेसर पी अप्पा राव वाइस चांसलर यूनीवर्सिटी को ज़बरदस्त सियासी हिमायत हासिल है और माज़ी में भी उन्हें ज़बरदस्त सियासी हिमायत हासिल रही है।

यूनीवर्सिटी आफ़ हैदराबाद क्युं कर मर्कज़ी हुकूमत के निशाने पर है ये बात वाज़िह तौर पर नहीं कही जा सकती लेकिन ये ज़रूर है कि किसी हद तक यूनीवर्सिटी पर आरएसएस के नज़रियात बादल बन कर मंडला रहे हैं और यूनीवर्सिटी में बिलवासता तौर पर ज़ाफ़रानी ज़हनीयत को फ़रोग़ देने की कोशिश की जा रही है।

रोहित की मौत के फ़ौरी बाद आख़िरी रसूमात की अंजाम दही पर भी स्टूडेंट्स ने ये इल्ज़ाम आइद कर चुके हैं कि मौजूदा वाइस चांसलर के रवैये के सबब रोहित की मौत वाक़्ये हुई है और रोहित की मौत के बाद प्रोफेसर अप्पा राव‌ पर एससी , एसटी एक्ट के तहत मुक़द्दमा भी दर्ज हो चुका है लेकिन उन्हें हासिल सियासी पुश्तपनाही के सबब वो रुख़स्त के बाद कन्हैया के हैदराबाद सेंट्रल यूनीवर्सिटी के दौरे से एक दिन पहले अपने ओहदे पर वापिस हो गए और एक मर्तबा फिर यूनीवर्सिटी के हालात कशीदा हो चुके हैं।