इस मुस्लिम देश ने ढाई लाख रोहिंग्या मुस्लिमों को पहचान पत्र जारी किया!

संयुक्त राष्ट्र संघ का कहना है कि बांग्लादेश में मौजूद ढाई लाख रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को रजिस्टर करते हुए उन्हें पहचान पत्र दे दिए गये।

संयुक्त राष्ट्र संघ की शरणार्थियों की संस्था यूएनएचसीआर ने कहा है कि इस रजिस्ट्रेश्न को मानव तस्करी के विरुद्ध क़ानून बनाने में भी प्रयोग किया जा सकता है। यूएनएचसीआर के प्रवक्ता ने जेनेवा में पत्रकारों को बताया कि म्यांमार से आने वाले दस लाख में से एक चौथाई रोहिंग्या शरणार्थियों को रजिस्टर किया गया और उन्हें बांग्लादेशी अधिकारियों और यूएनएचसीआर की ओर से पहचान पत्र दिए गये हैं।

ज्ञात रहे कि अगस्त 2017 में म्यांमार में सेना के हमलों के कारण 7 लाख 40 हज़ार रोहिंग्या पलायनकर्ता, बांग्लादेश पलायन करने पर विवश हुए थे जहां मुस्लिम अल्पसंख्यक से संबंध रखने वाले 3 लाख लोग पहले से ही कैंपों में मौजूद थे।

प्रवक्ता ने कहा कि रजिस्ट्रेश्न की प्रक्रिया जून 2018 में शुरु की गयी थी जिसका लक्ष्य रोहिंग्या पलायनकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा है ताकि वह भविष्य में म्यांमार में अपने घरों को वापस जा सकें।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, म्यांमार और बांग्लादेश ने रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे किन्तु शरणार्थी अपनी रक्षा और नागरिकता के बारे में चिंताओं के कारण वापसी से इन्कार कर चुके हैं।

यूएनएचसीआर के प्रवक्ता ने कहा कि कार्ड में म्यांमार को पलायनकर्ताओं का मुख्य देश क़रार दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर 2 लाख 70 हज़ार 3 सौ 48 शरणार्थियों या 60 हज़ार परिवार को रजिस्टर किया जा चुका है और लगभग 4 हज़ार लोगों को प्रतिदिन रजिस्टर किया जा रहा है।