हज 2019: राज्यों को किया गया कोटा जारी!

शायद ही ऐसा कोई मुसलमान होगा जिसके दिल में हज करने की हसरत न हो। यही वजह है कि हज यात्रा के लिए आवेदन करने वालों की निगाहें कुर्रा (लॉटरी) पर टिकी रहती हैं। कुर्रा में नाम आने के बाद ही हज के लिए आवेदन करने वालों को हज पर जाने का मौका मिलता है।हज कमेटी ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को हज का कोटा जारी कर दिया है।

खास बात यह है कि इस बार यूपी से हज के लिए फार्म भरने वाले सभी आवेदनकर्ताओं की किस्मत खुल सकती है। बिना कुर्रा का आयोजन किए सभी को हज यात्रा पर भेजा जा सकता है।

हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से जारी आंकड़ों पर निगाह डालें तो सामान्य कोटा के तहत एक लाख, 23 हजार, 900 लोग हज यात्रा पर जाएंगे, जबकि देशभर से दो लाख, 67 हजार, 261 लोगों ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया है।

यूपी से 34397 लोगों ने आवेदन किया है वहीं कमेटी द्वारा यूपी को 27,682 सीटें आवंटित की गई हैं.इसी तरह से राजस्थान में आवेदन 10750 आए और सीट 4471 आवंटित की गई है। हरियाणा में आवेदन 3145 आए और सीट 1281 हैं।

यूपी में कोऑर्डिनेटर हाजी याकूब अयूबी का कहना है, ‘इस बार सीट को देखते हुए आवेदन पत्र बहुत ही कम आए हैं। राज्य में मुसलमानों की आबादी को देखते हुए सीट का कोटा जारी किया जाता है। सबसे ज्यादा कोटा यूपी को मिला है।

इस राज्य में आवेदन कम सीट ज्यादादेश के 10 राज्य ऐसे भी हैं जहां हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से सीट का कोटा आबादी के हिसाब से जारी किया गया है। लेकिन यहां हज पर जाने के लिए आवेदन इतने कम आए कि सीट ज्यादा हो गईं और आवेदन कम।

बिहार में 12630 सीट और आवेदन आए 4950, असम 7846 सीट और आवेदन 3588, झारखंड 3448 सीट और आवेदन 2233 आए। आंध्र प्रदेश में 2602 सीट पर सिर्फ 2138 आवेदन आए. मजेदार बात यह है कि चंडीगढ़ में 37 सीट के लिए 36 आवेदन आए हैं।

यूपी वालों की ऐसे खुलेगी किस्मतयूपी से आने वाले कुल आवेदन पत्र की संख्या 34,397 है, जबकि हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से आबादी को देखते हुए सीट 27682 आवंटित की गई हैं। ऐसे में सीट और आवेदन पत्रों का जो अंतर है वो 6715 है।

कोऑर्डिनेटर हाजी याकूब अयूबी का कहना है, हज कमेटी ऑफ इंडिया के पास 17418 सीट ऐसी हैं जो बिहार, असम, आंध्र प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों से बच रही हैं। ऐसे में आबादी को देखते हुए यूपी को बची हुई ज्यादा से ज्यादा सीट मिल सकती हैं और सभी लोग यूपी से हज की यात्रा पर जा सकते हैं। यूपी में कुर्रा का आयोजन न किए जाने के लिए हमने संबंधित लोगों को लिखा भी है।

साभार- ‘न्यूज़ 18 हिन्दी’