नफ़रत के दौर में यहाँ के मुसलमानों ने पेश की मिसाल, अमन-चैन के लिए लिया ताजिया नहीं निकालने का फ़ैसला

आपसी भाईचारे को बनाए रखने के लिए एक बार फिर इलाहाबाद के ताजियादारों ने ताजिये नहीं उठाने का फैसला लिया है । रामलीला और दशहरा को देखते हुए इलाहाबाद की मुहर्रम कमेटी की बैठक में ये फ़ैसला लिया गया है । ये पहली बार नहीं है जब शहर में ताजिये नहीं उठाने का फ़ैसला लिया गया हो।

इलाहाबाद शहर के 2 प्रमुख ताजिया समितियों ने साल 2015-16 में भी ताजिये के जुलूस नहीं नहीं निकाले थे । मुस्लिम कमेटियों ने यह फैसला हिंदू पर्व दशहरा के मद्देनजर लिया था और इस साल भी ऐसा ही फ़ैसला किया गया है ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति ना बन पाए और शहर का अमन चैन बना रहे ।