हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया, जो कंकरियां तुम मारते हो वो सब अल्लाह तआला के यहाँ जमा होजाती हैं. तुम उनको उस वक़्त पाओगे जब तुम्हें उसकी सख्त ज़रुरत होगी। (तिबरानी)

हदीस शरीफ

हजरत बर्रा बिन आज़िब रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया, जोहर से क़ब्ल की रक्अतों का सवाब ऐसा ही है, जैसा के तहज्जुद की नमाज़ का सवाब। (तिबरानी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जिस बंदा को अल्लाह तआला ने ज़ुबान और शर्मगाह के गुनाह से महफूज़ कर लिया, वो जन्नत में जाए गा। (बुखारी व मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन मसउद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो बन्दा अल्लाह के खौफ से रोया और उसका आंसू मुंह पर बह आया है,चाहे वो कितना ही छोटा हो, उस पर दोज़ख की आग हराम हो जाती है। (इब्ने माज)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया,मुन्कसेरुल मिजाज़ (रहम दिल)और सादा कपडा पहनने वाले इंसान को अल्लाह तआला बहुत मह्बूब रखता है। (बेहक़ि)

हदीस शरीफ

हजरत अबू उमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, एक बन्द-ए- मोमिन के लिए तक़वा के बाद नेक बीवी से बेहतर कोई शै(चीज) नहीं। (इब्ने माजा)

हदीस शरीफ

हजरत जाबिर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, देखो तुम में से किसी को मौत ना आए, मगर इस हालत में के वो अल्लाह से अच्छा गुमान रखता हो। (मुस्लिम)

हदीस शरीफ

रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो शख्स किसी शहीद को ज़मीन पर चलता हुवा देखना चाहे वो ताल्हा बिन उबैदुल्लाह (रज़ी अल्लाहु तआला अनहु) को देख ले। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, कोई शख्स मरता है और उसके चार पड़ोसि उसके भले होने की गवाही देते हैं, तो अल्लाह तआला फरमाता है, मैं ने तुम्हारी शहादत कुबूल करली,और जिन बातों का तुम्हें इल्म न

हदीस शरीफ

हजरत अबू सईद खदरी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, बेहतर मजलिस वो है जो कुशादा हो (अबू दाऊद)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, जब कोई शख्स खाना खाए तो उसको चाहिए के रेकाबी के ऊपर से न खाए, बलके किनारे से खाए, कियोंके ऊपर के हिस्से में बरकत नाजिल होती है। (अबू दाऊद)

हदीस शरीफ

हजरत अबू अमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अगर नेकी करने के बाद तुझको ख़ुशी होती हो, और गुनाह के बाद तेरा दिल रंजीदा होता हो तो, समझ ले तू मोमिन है। (अहमद)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अज़ान की आवाज़ से शैतान बुरी तरह बदहवास होकर भागता है (बुखारी व मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अस्मा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, तुम खर्च करो और गिन गिन के जमा मत करो , वर्ना अल्लाह भी तुम्हें गिन गिन के देगा, और बंद करके न रख्खो वर्ना वो भी तुम पर अपनी रहमत के दरवाज़े तुम पर बंद करदेगा। (बुख

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अज़ान और अकामत के दरमियान दुआ रद नहीं होती बलके कुबूल ही होजाती है। किसी ने पूछा ऐसे मोके पर हम किया दुआ करें ?

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, वो दुआ कुबूल नहीं की जाती, जो दिल की गफलत के साथ की जाती है। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू ज़र रज़ी अल्लाहु तआला अनहु ने दरयाफ्त किया, सब से अफज़ल सदका किया है? रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया छुपा कर देना। (मसनद अहमद)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, किसी गरीब मुसलमान को कपडा पहनाने वाले उस वक़्त तक अल्लाह के परदे में है, जब तक गरीब के बदन पर उस कपडे का एक तार भी मौजूद है। (हाकिम)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन मासउद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो बन्दा अल्लाह के खौफ से रोया और उसका आंसू मुंह पर बह आया है, चाहे वो कितना ही छोटा हो ,उस पर दौज़ख की आग हराम होजाती है।(इब्ने माजा)

हदीस शरीफ

हजरत सहल बिन साद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, लोग हमेशा खैर पर रहेंगे, जब तक अफ्तार में जल्दी करते रहेंगे। ( बुखारी, मुस्लिम, इब्ने माजा,)