हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो बन्दा अफ्तार में जल्दी करता है, वो अल्लाह तआला को बहुत महबूब है। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत सलमान फारसी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, रमजान सब्र का महीना है और सब्र का बदला जन्नत है। (इब्ने खजीमा)

हदीस शरीफ

हजरत अबू सईद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, आदमी अपनी ज़िन्दगी में एक दिरहम सदका करे, उसके लिए उससे बेहतर है के मौत के वक़्त सौ दिरहम सदका करे। (अबू दाऊद)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अगर कोई रोजादार से झगड़ा करे, या रोजादार को गाली दे, तो रोज़ादार को कह देना चाहिए के मैं रोजादार हूँ। (बुखारी शरीफ)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया अल्लाह तआला के नज़दीक कोई चीज़ दुआ से जियादा बुज़ुर्ग नहीं। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, हर चीज़ की ज़कात है और जिस्म की ज़कात रोज़ा है। (इब्ने माजा)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन मासउद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो बन्दा अल्लाह के खौफ से रोया और उसका आंसू मुंह पर बह आया है, चाहे वो कितना ही छोटा हो ,उस पर दौज़ख की आग हराम होजाती है। (इब्ने माजा)

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, कोई शख्स मरता है और उसके चार पड़ोसि उसके भले होने की गवाही देते हैं, तो अल्लाह तआला फरमाता है, मैं ने तुम्हारी शहादत कुबूल करली,और जिन बातों का तुम्हें इल्म न थ

हदीस शरीफ

हजरत उस्मान रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, तुम में बेहतरीन शख्स वो है जो कुरआन सीखा और सिखाया। (बुखारी शरीफ)

हदीस शरीफ

हज़रत जरीर बिन अब्दुल्लाह रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के,रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, जब तुम्हारे पास ज़कात लेने वाला शख्स आए, तो उसे तुम्हारे पास से राज़ी होकर लौटना चाहिए। ( मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,अल्लाह तआला का इरशाद है, ऐ मेरे बन्दे खर्च कर तुझ को दिया जायेगा। (बुखारी व् मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, जो शख्स माल हासिल करे, उस पर उस वक़्त तक ज़कात नहीं है, जब तक के उसपर एक साल न गुज़र जाए। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहू से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, किसी औरत को ये जाएज़ नहीं के वो अपने शौहर की इजाज़त के बगैर रोज़ा रख्खे, या बिला इजाज़त किसी दुसरे के घर में जाए, या बगैर इजाज़त किसी को कुछ दे। (बुखारी श

हदीस शरीफ

हजरत अबू अय्यूब अंसारी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, चार चीज़ें अंबिया की सुन्नत में दाखिल हैं,निकाह,मिस्वाक,हया और खुसबू का इस्तेमाल। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू उमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, एक बन्द-ए- मोमिन के लिए तक़वा के बाद नेक बीवी से बेहतर कोई शै(चीज) नहीं। (इब्ने माजा)

हदीस शरीफ

हजरत मआज बिन अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, जो शख्स कुदरत रखने के बा वजूद गुस्सा पी गया, तो कयामत में अल्लाह उसे इख्तियार देगा के वो जिस हूर को चाहे पसंद करले। (अबू दाऊद)

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, कोई शख्स मरता है और उसके चार पड़ोसि उसके भले होने की गवाही देते हैं, तो अल्लाह तआला फरमाता है, मैं ने तुम्हारी शहादत कुबूल करली,और जिन बातों का तुम्हें इल्म न थ

हदीस शरीफ

रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, लोगो याद रख्खो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत नहीं, लिहाज़ा अपने रब की इबादत करना , पांच वक़्त की नमाज़ पढना ,रमजान के रोज़े रखना ख़ुशी खुसी अपने माल की ज़कात देना, अपने रब के घर का हज करना और

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, दुनिया की बेहतरीन मताअ (दौलत ) नेक बख्त औरत है। (मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) से पूछा गया बेहतर और अफज़ल इस्लाम कौनसा है ? इरशाद फरमाया, मसाकीन को खान खिलाना, जाने अनजाने हर मुसलमान को सलाम करना। (बुखारी मुस्लिम)