हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया हर सुबह दो फरिश्ते आसमान से उतर कर दुआ करते हैं, एक कहता है इलाही नेक काम करने वालों को जियादा दे, दूसरा कहता है बखील के माल को तलफ करदे। (बुखारी व मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अबू अमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के,रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, मेरे रब ने मुझ से वादा फरमाया है के, मेरी उम्मत की कसीर (जियादा) तादाद को किसी हिसाब व अज़ाब के बगैर जन्नत में दाखिल करे गा। (मिश्कात)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, कुछ लोग अपने नर्म ओ गुदाज़ बिस्तर पर ज़िक्रे इलाही करते हैं,अल्लाह तआला उनको जन्नत के आला दर्जों में दाखिल करेगा (इब्ने हबान)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया सदका करने से माल कम नहीं होता, खता माफ़ करने वालों की इज्ज़त बढ़ाई जाती है, इन्केसारी करने वालों का मर्तबा बढ़ा दिया जता है। (मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत उम्मे हबीबा रज़ी अल्लाहो तआला अनहा से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया जिसने जोहर से पहले चार रक्अतों और उसके बाद चार रक्अतों की पाबंदी की अल्लाह तआला उस पर आग को हराम करदेगा । (अहमद,तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू ज़र रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, गुस्सा का बेहतरीन इलाज ये है के जब गुस्सा आए तो बैठ जाए, और अगर बैठा है तो लेट जाए, गुस्सा जाता रहेगा।(अबू दाऊद)

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अज़ान और अकामत के दरमियान दुआ रद नहीं होती बलके कुबूल ही होजाती है। किसी ने पूछा ऐसे मोके पर हम किया दुआ करें ?

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है,रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, तुम रहम करो तुम पर रहमत की जाएगी, तुम लोगों के कुसूर माफ़ करो, तुम्हारे कुसूर माफ़ किये जाएंगे। (अबू (दाऊद)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया हर सुबह दो फरिश्ते आसमान से उतर कर दुआ करते हैं। एक कहता है, ‘इलाही नेक काम करने वालों को जियादा दे।’ दूसरा कहता है, `बखील के माल को तलफ करदे।’ (बुखारी व मुस्ल

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,किसी फ़ासिक़ व फाजिर की नेमत व दौलत पर रश्क मत करो इसलिए के तुम नहीं जानते के मरने के बाद उस से किया सुलूक होने वाला है। (मिश्कात शरीफ)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, लोगों के आमाल हफ्ता मे दो मर्तबा पीर और जुमेरात को अल्लाह तआला के सामने पेश होते है। अल्लाह तआला सब मुसलमान बन्दों को बख्श देता है सिवाए उस के जिसकी कि

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया एक शख्स ने पियासे कुत्ते को जो कीचड चाट रहा था,पानी पिला दिया ,उसके इस अमल के बदले उसे जन्नत अता कर दी गई। (बुखारी शरीफ)

हदीस शरीफ

रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया लोगो याद रख्खो मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत नहीं लिहाज़ा अपने रब की इबादत करना,पांच वक़्त की नमाज़ पढना,रमजान के रोज़े रखना ख़ुशी खुसी अपने माल की ज़कात देना अपने रब के घर का हज करना और अपन

हदीस शरीफ

उम्मुल मूमेनीन हजरत आयशा सिद्दीका रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया रिश्तादारों पड़ोसियों और दूसरों से अच्छा सुलूक करने की वजह से बस्तियां आबाद होती हैं , उम्र में तरक्की और बरकत होती है । (अहमद)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया
जिसने किसी तंग दस्त मकरूज़ (क़र्ज़ लेने वाले) को मुहलत दी तो अल्लाह तआला उसके गुनाहों को माफ़ फरमाए गा। (तिबरानी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू क़तादह रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया जिस शख्स ने मुफलिस मकरूज़ को मुहलत दी या माफ़ करदिया उसको अल्लाह तआला कयामत की सख्तियों और घबराहट से महफूज़ कर देगा। (मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, जिस बंदा को अल्लाह तआला ने ज़ुबान और शर्मगाह के गुनाह से महफूज़ कर लिया वो जन्नत में जाए गा। (बुखारी व मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फरमाया, अल्लाह तआला हमेशा अपने बन्दों के काम आता है जब तक ये बनदा दुसरे मुसलमान के काम में लगा रहता है । (तिबरानी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक(स०)ने तीन मर्तबा फ़रमाया, नाक ख़ाक आलूद हो उसकी,जिसने बूढ़े माँ बाप पाए और फिर जन्नत हासिल करने में कोताही की।(बुखारी व मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, हसद से परहेज़ करो कियों के हसद नेकियों को इस तरह खा जाता है जैसे आग लकड़ी या घास को खा जाती है. (अबू दाऊद)