हदीस शरीफ
हजरत उमर बिन खत्ताब रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, जब तुम बीमार के पास जाओ तो अपने लिए दुआ तलब करो, बीमार की दुआ फरिश्तों की दुआ जैसी है। (इब्ने माजा)
हजरत उमर बिन खत्ताब रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, जब तुम बीमार के पास जाओ तो अपने लिए दुआ तलब करो, बीमार की दुआ फरिश्तों की दुआ जैसी है। (इब्ने माजा)
हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, जिसने अपने पीछे सिर्फ दीन का गम लगा लिया, तो उसकी दुनिया का अल्लाह तआला कफील है। (इब्ने माजा)
खातून-ए-जन्नत हजरत सय्यदह फातिमा ज़हरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अल्लाह तआला सुबह सादिक से लेकर तुलू-ए-आफताब तक अपने बन्दों को रिजक तकसीम करता है।(बेहकी)
हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, मस्जिद में जमाअत के लिए जाने वाले का हर कदम एक नेकी को वाजिब करता है और एक गुनाह को मिटाता है। (इब्न हेबान)
हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, मस्जिद में जमाअत के लिए जाने वाले का हर कदम एक नेकी को वाजिब करता है और एक गुनाह को मिटाता है। (इब्न हेबान)
हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया एक शख्स ने पियासे कुत्ते को, जो कीचड चाट रहा था , पानी पिला दिया ,उसके इस अमल के बदले उसे जन्नत अता कर दी गई। (बुखारी शरीफ)
हजरत उस्मान बिन अफ्फान रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जिसने पूरा पूरा वजू किया, और फ़र्ज़ नमाज़ पढने को घर से निकला, और मस्जिद में जा कर इमाम के साथ नमाज़ पढ़ी, तो उसके तमाम गुनाह माफ़ होगए। (इब्न
रसूल-ए-पाक (स०) ने हजरत अबू ज़र गफ्फारी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से फ़रमाया, तुम खामूश रहा करो,खामुशी शैतान को दफा करती है और दीन के कामो में मदद करती है। (इब्ने हिबान, हाकिम)
हजरत अबू सईद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, आदमी अपनी ज़िन्दगी में एक दिरहम सदका करे, उसके लिए उससे बेहतर है के मौत के वक़्त सौ दिरहम सदका करे। (अबू दाऊद)
हजरत अबू सईद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, आदमी अपनी ज़िन्दगी में एक दिरहम सदका करे, उसके लिए उससे बेहतर है के मौत के वक़्त सौ दिरहम सदका करे। (अबू दाऊद)
हजरत अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो बन्दा अल्लाह के खौफ से रोया और उसका आंसू मुंह पर बह आया है,चाहे वो कितना ही छोटा हो, उस पर दौज़ख की आग हराम होजाती है। (इब्ने माजा)
हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया,जिस से इल्म की बात पूछी गयी फिर उसने उसको छुपा लिया तो उसे कयामत के दिन आग की लगाम पहनाई जाएगी। (तिरमिज़ी,अबू दाऊद,अहमद)
हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, जिस शख्स की असर की नमाज़ फौत हो गई, गोया उसके अहल और माल को लूट लिया गया हो। (बुखारी व मुस्लिम)
हजरत अबू मूसा अशअरी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) के पास कोई साएल या हाजतमंद आता तो हुजूर (स०) अपने सहाबा से फरमाते‘उसकी मदद करो और उसकी शिफारिश करो ताके तुम्हें शिफारिश का सवाब मिले। (बुखारी शरीफ)
हजरत अबू सईद खुदरी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, बेशक अपनी रिफाकत और अपने माल के साथ सब से जियादा एहसान मुझ पर अबू बकर (रज़ी अल्लाहु तआला अनहु)ने किया है। (बुखारी शरीफ)
हजरत अलकमा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, सब्र करना आधा ईमान है और यकीन पूरा ईमान है। (तिबरानी)
हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अज़ान और अकामत के दरमियान दुआ रद नहीं होती बलके कुबूल ही होजाती है। किसी ने पूछा ऐसे मोके पर हम किया दुआ करें ?
हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) से पूछा गया बेहतर और अफज़ल इस्लाम कौनसा है इरशाद फरमाया मसाकीन को खान खिलाना जाने अनजाने हर मुसलमान को सलाम करना। (बुखारी मुस्लिम)
हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, कोई पडोसी अपने पडोसी को दिवार में खूंटी ठोकने से मन ना करे। (बुखारी शरीफ)
हजरत अस्मा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, तुम खर्च करो और गिन गिन के जमा मत करो , वर्ना अल्लाह भी तुम्हें गिन गिन के देगा, और बंद करके न रख्खो वर्ना वो भी तुम पर अपनी रहमत के दरवाज़े तुम पर बंद करदेगा। (बुख