हदीस शरीफ

हजरत अबू उमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, एक बन्द-ए- मोमिन के लिए तक़वा के बाद नेक बीवी से बेहतर कोई शै(चीज) नहीं। (इब्ने माजा)

हदीस शरीफ

हजरत अबू अय्यूब अंसारी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, चार चीज़ें अंबिया की सुन्नत में दाखिल हैं ,निकाह ,मिस्वाक ,हया और खुसबू का इस्तेमाल। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, किसी गरीब मुसलमान को कपडा पहनाने वाले, उस वक़्त तक अल्लाह के परदे में है जब तक गरीब के बदन पर उस कपडे का एक तार भी मौजूद है। (हाकिम)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक(स०)ने फ़रमाया,मुन्कसेरुल मिजाज़ (रहम दिल)और सादा कपडा पहनने वाले इंसान को अल्लाह तआला बहुत मह्बूब रखता है। (बेहक़ि)

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, तमाम औलाद ए आदम खताकार हैं, लेकिन खताकारों में सब से बेहतर वो गुनहगार है जो तौबा करते हैं। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया तुम में बेहतरीन शख्स वो है जो क़र्ज़ अदा करने में अच्छा है। (बुखारी मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अबू अमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,एक आदमी जो लोगों को क़र्ज़ दिया करता था,जन्नत में दाखिल किया गया, उसने जन्नत के दरवाज़े पर लिखा देखा, सदक़े का सवाब दस गुना होता है और क़र्ज़ का सवाब अठारह

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन मसउद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, हर क़र्ज़ सदका है, यानि क़र्ज़ देने का सवाब सदका देने के बराबर है। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,किसी फ़ासिक़ व फाजिर की नेमत व दौलत पर रश्क मत करो इसलिए के तुम नहीं जानते के मरने के बाद उस से किया सुलूक होने वाला है। (मिश्कात शरीफ)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, तुम रहम करो तुम पर रहमत की जाएगी, तुम लोगों के कुसूर माफ़ करो तुम्हारे कुसूर माफ़ किये जाएंगे। अबू (दाऊद)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, वो दुआ कुबूल नहीं की जाती, जो दिल की गफलत के साथ की जाती है। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया हर सुबह दो फरिश्ते आसमान से उतर कर दुआ करते हैं एक कहता है इलाही नेक काम करने वालों को जियादा दे दूसरा कहता है बखील के माल को तलफ करदे। (बुखारी व मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया जो बन्दा अपने रब से सवाल नहीं करता और दुआ नहीं मांगता, हक तआला उस पर नाराज़ होता है। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू दरदा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०)ने फरमाया, ऐ लोगो सलाम कसरत से किया करो इससे तुम दुनियां में सर बलंद हो जाओगे। (तिबरानी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया अल्लाह तआला के नज़दीक कोई चीज़ दुआ से जियादा बुज़ुर्ग नहीं। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, कोई शख्स मरता है और उसके चार पड़ोसि उसके भले होने की गवाही देते हैं, तो अल्लाह तआला फरमाता है, मैं ने तुम्हारी शहादत कुबूल करली,और जिन बातों का तुम्हें इल्म न थ

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया तमाम औलाद ए आदम खता कार हैं, लेकिन खताकारों में सब से बेहतर वो गुनाहगार है जो तौबा करते हैं। (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, हर सुबह दो फरिश्ते आसमान से उतर कर दुआ करते हैं एक कहता है इलाही नेक काम करने वालों को जियादा दे, दूसरा कहता है बखील के माल को तलफ करदे।(बुखारी व मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०)ने हज के खुत्बे में इरशाद फरमाया, मैं दो चीज़ें ऐसी छोड़ कर जा रहा हूँ के अगर तुम मजबूती से इनको पकडे रहे तो तुम कभी गुमराह न होगे इनमे से एक कुरान शरीफ है औ

हदीस शरीफ

हजरत अबू सईद खुदरी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, बेहतरीन शख्स वो है, जो अल्लाह से डरता है और लोगों को अपने शर से महफूज़ रखता है। (बुखारी व मुस्लिम)