हदीस शरीफ

हजरत ब्रा बिन आजीब रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया जोहर से क़ब्ल की रक्अतों का सवाब ऐसा ही है जैसा के तहज्जुद की नमाज़ का सवाब (तिबरानी)

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया तमाम औलाद ए आदम खता कार हैं लेकिन खताकारों में सब से बेहतर वो गुनाहगार है जो तौबा करते हैं (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया तुम में से बेहतरीन शख्स वो है जो क़र्ज़ अदा करने में अच्छा है (बुखारी व् मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत काअब बिन मालिक रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया शुहदा की रूहें सब्ज़ परिंदों की शक्ल में जन्नत के फल खाती फिरती हैं (तिरमिज़ी )

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया
शहीद को अल्लाह की राह में शहादत के वक़्त सिर्फ इतनी तकलीफ महसूस होती है जैसे किसी चिउंटी ने काट लिया हो (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया
शहीद के तमाम गुनाह माफ़ करदिये जाते हैं सिवाए क़र्ज़ के (मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अबू फोतादह रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जिस शख्स ने मुफलिस मकरूज़ को मुहलत दी या माफ़ करदिया उसको अल्लाह तआला कयामत की सख्तियों और घबराहट से महफूज़ कर देगा (मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया जो शख्स क़र्ज़ अदा करने की नियत से कर्ज लेता है तो अल्लाह तआला उसकी मदद करता है और उसका क़र्ज़ अदा कर देता है (बुखारी शरीफ)

हदीस शरीफ

हजरत उम्मे हबीबा रज़ी अल्लाहो तआला अनहा से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया जिसने जोहर से पहले चार रक्अतों और उसके बाद चार रक्अतों की पाबंदी की अल्लाह तआला उस पर आग को हराम करदेगा । (अहमद , तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया सफा व् मरवा की सई(सफा व् मरवा नमी दोनों पहाड़ों के दरमियान ७ चक्कर ) करने का सवाब सत्तर गुलाम आज़ाद करने के बराबर है (तिबरानी)

हदीस शरीफ

हजरत उमर बिन खत्ताब रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया जो शख्स नया कपडा पहने उसे चाहिए के अगर सकत रखता हो तो पुराने कपडे खैरात करदे (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया तमाम औलाद ए आदम खता कार हैं लेकिन खताकारों में सब से बेहतर वो गुनाहगार है जो तौबा करते हैं (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया अल्लाह उस बन्दे पर रहम करे जो बेचने में नरमी करता है और खरीदते वक्त भी नरमी से पेश आता है और लोगों पर तकाज़ा करता है तो भी नर्म तकाज़ा करता ह

हदीस शरीफ

हजरत अबू सईद खदरी रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया एक सादिक और अमानतदार सौदागर क़यामत में नबियों सिद्दिकों और शहीदों के साथ होगा (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत ब्रा बिन आजीब रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया जोहर से क़ब्ल की रक्अतों का सवाब ऐसा ही है जैसा के तहज्जुद की नमाज़ का सवाब (तिबरानी)

हदीस शरीफ

रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया लोगो याद रख्खो मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत नहीं लिहाज़ा अपने रब की इबादत करना , पांच वक़्त की नमाज़ पढना ,रमजान के रोज़े रखना ख़ुशी खुसी अपने माल की ज़कात देना अपने रब के घर का हज करना

हदीस शरीफ

हजरत अबू अमामा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया इदुल फ़ित्र और इदुल अजहा की रातों को जो शख्स जिंदा रख्खे गा और जो शख्स इन दोनों रातों मे इबादत करेगा उसका दिल कयामत में जिंदा रहेगा (इब्न मजा)

हदीस शरीफ

हजरत अनस रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया
मस्जिद ए अक्सा और मेरी मस्जिद में जिसने नमाज़ पढ़ी उसे पचास हज़ार नामजो का सवाब दिया जाता है

हदीस शरीफ

हजरत जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया ज़िल्हिज्जा के दस दिनों का अमल के बराबर कोई ऐसा अमल नहीं जो अल्लाह तआला को पसंद हो मगर उस शख्स का जिहाद जो अल्लाह के रास्ते में शहीद हो जाए

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया जो कंकरियां तुम मारते हो वो सब अल्लाह तआला के यहाँ जमा होजाती हैं तुम उनको उस वक़्त पाओ गे जब तुम्हें उसकी सख्त ज़रुरत होगी (तिबरानी)