हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया सफा व् मरवा की सई(सफा व् मरवा नमी दोनों पहाड़ों के दरमियान ७ चक्कर ) करने का सवाब सत्तर गुलाम आज़ाद करने के बराबर है (तिबरानी)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया तुम लोगों में सब से बेहतरीन वो है जिनके अखलाक बहुत अछे हैं (बुखारी व मुस्लिम )

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया तुम लोगों में सब से बेहतरीन वो है जिनके अखलाक बहुत अछे हैं (बुखारी व मुस्लिम )

हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया तुम में से बेहतरीन शख्स वो है जो क़र्ज़ अदा करने में अच्छा है (बुखारी व् मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हजरत जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया अल्लाह उस बन्दे पर रहम करे जो फरोख्त करने में नरमी करता है और खरीदते वक्त भी नरमी से पेश आता है और लोगों पर तकाज़ा करता है तो भी नर्म तकाज़ा

हदीस शरीफ

हजरत अबू दर्दा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया कयामत के दिन नाम-ए-आमाल की तराजू में अछे अख़लाक़ सब से वजनी होंगे(तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया तुम लोगों में सब से बेहतरीन वो है जिनके अखलाक बहुत अछे हैं (बुखारी व मुस्लिम )

हदीस शरीफ

हजरत इमाम हसन रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फरमाया जो चीज़ तुमको शक में डाले उसको छोड़ दो और जिस काम से दिल मुतमईन होजाए वो काम करलिया करो(तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हज़रत अनस रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया
ऐ अल्लाह मुझ को मिस्कीन (गरीब) बना कर रख मिस्कीन(गरीबी) के हालात में उठा और मिस्कीनो के जुमरा (ग्रुप) में मेरा हश्र कर (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अबू सईद रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने एक सहाबी से फ़रमाया मैं तुम्हें एक सूरत सिखाता हूँ जो सवाब में तमाम सुरों से बड़ी है फिरआपने सूरा फातिहा की तालीम की बुखारी (शरीफ)

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फरमाया

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फरमायाअपने रिश्ता दारों से सुलूक करो रिश्ता दारों से सुलूक करने से आपस में मोहब्बत पैदा होती है ,माल में बढ़ोतरी होती है, बरकत होती है और उम्र बढती है.

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक(स०अ०व०) ने फ़रमाया
जिसने किसी मुस्लमान का ऐब छुपाया तो अल्लाह तआला उसका ऐब छुपाए गा दुनिया व आखिरत में (मुस्लिम)

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया
दुआ मोमिन का हथियार है दीन का सुतून है आसमान और ज़मीन का नूर है (हाकिम)

हदीस शरीफ

हजरत सोबान रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फरमाया तकदीर-ए- इलाही को सिर्फ दुआ ही लौटा सकती है नेकी उम्र को बाढा देती है गुनाह की वजह से आदमी रिजक से महरूम कर दिया जाता है (हाकिम)

हदीस शरीफ

हजरत उमर बिन खत्ताब रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया , जो शख्स नया कपडा पहने अगर सकत रखता हो तो उसे चाहिए के पुराना कपडा खैरात कर दे (तिरमिजी शरीफ)

हदीस शरीफ

हजरत समरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया सफ़ेद कपडे पहनो और सफेद कपड़ों का ही मुर्दों को कफ़न दिया करो (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हजरत अली करमल्लाह वज्ह से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फरमाया,
अपने घर वालों को नसीहत करते रहा करो के मुझ से मुहब्बत रखें मेरे घर वालों से मुहब्बत रखें और कुरान मजीद की तिलावत करते रहें
(मिश्कात शरीफ)

हदीस शरीफ

हजरत म आज बिन जबल रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया ज़िक्र इलाही से बढ़ कर कोई चीज़ अज़ाब-ए-इलाही से निजात देने वाली नहीं है (तिरमिज़ी)

हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया
अल्लाह तआला का इरशाद है के जब कोई बंदा मेरा ज़िक्र करता है और उसके दोनों होंट मेरे ज़िर्क्र से हिलते हैं तो मैं उसके करीब होता हूँ (इब्न मजा)