अदालत ने दिया मुशर्रफ को गिरफ्तार करने का आदेश, संपत्तियां भी होंगी जब्त

पाकिस्तान की एक विशेष अधिकरण ने शुक्रवार को सरकार को पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को गिरफ्तार करने और उनकी सभी संपत्तियों को जब्त करने के निर्देश दिए। अधिकरण मुशर्रफ के खिलाफ लगे देशद्रोह के मामले की सुनवाई कर रहा था जिसमें उन्हें वर्ष 2007 में देश में आपातकाल लगाने के कारण ‘घोषित अपराधी’ बताया गया है। 74 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति पर देश में आपातकाल लगाने के लिए मार्च, 2014 में देशद्रोह के आरोप तय किए गए थे। आपातकाल लगाने के कारण बड़ी अदालतों के कई न्यायाधीश अपने घरों में बंधक बनकर रह गए थे, और करीब100 न्यायाधीशों को पद से हटा दिया गया था। पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश यह्या अफरीदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय एक पीठ ने मामले में पिछले आठ महीनों में पहली सुनवाई की।

‘द नेशन’ की खबर के मुताबिक सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय ने मुशर्रफ की संपत्तियों पर अदालत में एक रिपोर्ट जमा करवाई जिसमें बताया गया है कि सात संपत्तियों में से चार पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर हैं। अभियोजक अकरम शेख ने अदालत से मुशर्रफ की गिरफ्तारी और उन्हें पेश होने का आदेश देने को कहा। मार्च 2016 में देश छोड़कर दुबई जाने वाले मुशर्रफ को अदालत ने मई, 2016 में घोषित भगोड़ा बताया था। देशद्रोह के मामले में दोषी साबित होने पर सजा-ए-मौत या उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।

अदालत ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी( एफआईए) के अधिकारियों से फरार व्यक्ति को विदेश से वापस लाने की प्रक्रिया के बारे में पूछा। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय उन्हें एक निवेदन भेजेंगे जिसके बाद कार्रवाई की जा सकती है। अफरीदी ने कहा कि अदालत मुशर्रफ की गिरफ्तारी और उनकी संपत्तियों को जब्त करने के आदेश देती है।