इशरत जहां मुक़द्दमा : विज़ारते क़ानून का मंज़ूरी के बारे में राय देने से इनकार

नाकाफ़ी दस्तावेज़ात का हवाला देते हुए विज़ारते क़ानून ने सी बी आई को क़ानूनी राय देने से इनकार कर दिया। सी बी आई ने दरयाफ़त किया था कि क्या इंटेलीजेंस ब्यूरो के ओहदेदारों पर इशरत जहां एनकाउंटर मुक़द्दमा चलाने के लिए इजाज़त ज़रूरी है।

हुकूमत के क़ानूनी शोबे ने सी बी आई से कह दिया कि वो क़ानूनी राय तल्ब करने से पहले काफ़ी दस्तावेज़ात पेश करे। इस के बाद ही स्पेशल डायरेक्टर (मौजूदा रिटायर्ड) राजिंदर कुमार और दीगर 3 ओहदेदारों पर मुक़द्दमा चलाने की पेशगी मंज़ूरी दी जा सकती है।

सी बी आई ने हाल ही में महिकमा पर्सोनल-ओ-ट्रेनिंग के ज़रीये क़ानूनी राय तल्ब करते हुए विज़ारते क़ानून से रब्त पैदा किया था। सी बी आई को विज़ारते क़ानून ने दस्तावेज़ात तल्ब करने के बारे में मालूमात फ़राहम करदी हैं।

जबकि सी बी आई का दावा है कि ये दस्तावेज़ात अटार्नी जनरल को दिखाया जा चुका हैं लेकिन उनकी हस्सास नौईयत के पेशे नज़र उनकी नक़ल फ़राहम नहीं की जा सकतीं। विज़ारते क़ानून ने कहा कि दस्तावेज़ात के बगै़र विज़ारते क़ानूनी राय देने से क़ासिर है।