गुजरात दंगा: PM मोदी को क्‍लीनचिट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई आज

साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में नरेंद्र मोदी को मिली क्लीनचिट पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले में कांग्रेस सासंद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका पर आज यानि सोमवार को सुनवाई होगी।

13 नवंबर को इस मामले पर जाकिया जाफरी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया था। पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया ने विशेष जांच दल (एसआईटी) के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2017 के निर्णय को चुनौती दी है। इन दंगों में एहसान जाफरी भी मारे गये थे।

जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने मंगलवार को कहा कि इस याचिका पर 19 नवंबर को सुनवाई की जाएगी क्योंकि उन्होंने अभी तक इसका विस्तार से अवलोकन नहीं किया है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान जाफरी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सी यू सिंह ने कहा कि याचिका में नोटिस जारी किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि यह 27 फरवरी 2002 से मई 2002 के बीच की अवधि के दौरान ‘‘बड़े षडयंत्र’’ के पहलू से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि मामले में सुनवाई न्यायाधीश के समक्ष एसआईटी द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट में क्लीनचिट दी गई। इसके विरोध में याचिकाकर्ता ने याचिका दायर की लेकिन मजिस्ट्रेट ने ‘‘प्रमाणित तथ्यों ’’ पर विचार किए बिना ही उसे खारिज कर दिया। एसआईटी ने आठ फरवरी, 2012 को मामला बंद करने की अपनी रिपोर्ट में नरेन्द्र मोदी तथा 63 अन्य को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने योग्य कोई साक्ष्य नहीं है। इन लोगों में कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल थे।

पीठ ने कार्यालय रिपोर्ट की टिप्पणियों पर भी गौर किया कि याचिका को मामले में लंबित आपराधिक अपीलों के साथ संलग्न किया जाना चाहिए। गुजरात सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सी एस वैद्यनाथन ने इस सुझाव का विरोध किया और कहा कि यह एक अलग मामला है और इसे आपराधिक अपीलों के साथ संलग्न नहीं किया जाना चाहिए। राज्य सरकार के वकील ने याचिका में नोटिस जारी किए जाने का भी विरोध किया।

पीठ ने कहा कि संभव है कि रजिस्ट्री ने कार्यालय रिपोर्ट में गलत उल्लेख किया हो। हमने याचिका का विस्तार से अवलोकन नहीं किया है। ऐसे में अच्छा होगा कि इस मामले पर 19 नवंबर को सुनवाई की जाए।