घाटी कश्मीर की स्थिति पर सवाल करने से महबूबा मुफ्ती भड़क गईं

श्रीनगर: मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर महबूबा मुफ्ती ने आज गंभीर‌ता जताई। संवाददाताओं ने जब उनसे घाटी कश्मीर की स्थिति के बारे में पूछा तो वह नाराज हो गईं और भड़क कर सम्मेलन हॉल से चली गईं। वे आज यहां केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। जब पत्रकारों ने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति से निपटने में उनके रोल के बारे में इसवाल किया तो वह आगबबूला हो गईं और अचानक उठ खड़ी हुईं और कहा कि ” थैंक ै और ” सवाल का जवाब देने के बाद राजनाथ सिंह अब बैठे ही थे कि वह नाराजगी के आलम में सम्मेलन हॉल से बाहर चली गईं।

उनके निवास पर आयोजित सम्मेलन भी अराजकता में समाप्त कर दी गई। जबकि सवालों का जवाब देते हुए महबूबा मुफ्ती ने घाटी में सनगबारी की स्थिति की निंदा की और हिंसा की आलोचना की। पिछले 47 दिनों से घाटी कश्मीर में भीषण हिंसा, सनगबारी घटनाए रही हैं। हिंसा के कारण मृत्यु में भी वृद्धि हो रही है। भीड़ से पुलिस स्टेशनों पर हमले किए जा रहे हैं। पुलिस पकटस को निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने पहले दिए गए अपने बयान मे बताया कि घाटी में केवल पांच प्रतिशत लोग ही विरोध कर रहे हैं। 95 प्रतिशत जनसंख्या समस्या का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। इन पांच प्रतिशत लोगों ने हिंसा में शामिल होकर समस्या को लिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं भी कश्मीर की एकता के लिए उत्सुक हूँ और इस के लिए बातचीत होनी चाहिए। लेकिन सनगबारी से शिविरों पर हमले करने से समस्या हल नहीं हो सकेंगी। हम इस समस्या को किनारा कश नहीं कर रहे हैं।

हम समस्या को हल करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने घाटी में पाई जाने वाली स्थिति समझाना चाहा और कहा कि जो लोग मर रहे हैं खासकर युवाओं की मौत पर हंगामा मचाया है और अब मौत वाकई दुखद है। इस हिंसा में मरने वालों में अधिकतर युवा है। उनकी मौत का बदले के लिए लोग सड़क पर निकल रहे हैं। सुरक्षा संस्थाओं पर हमले कर रहे हैं जनता सड़कों पर उतर आने से कर्फ्यू लागू किया जा रहा है। क्या यह बच्चे आर्मी परिसर चॉकलेट खरीदने जाते हैं। क्या 15 साल का लड‌का जिसने धमाल हानजी पुरा (दक्षिण कश्मीर में) पुलिस स्टेशन पर हमला किया था वहाँ दूध लेने के लिए गया था। ठीक उस समय उन्होंने इस महीने के शुरू में जिले पुलवामा के क्षेत्र खरो में एक लेक्चरर की मौत में शामिल सुरक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी समर्थन किया।

इस लेक्चरर की हत्या का मामला है इस पर नाराज़गी व्यक्त होना चाहिए। दोषियों को सजा दी जानी चाहिए। में भी दोषियों को सजा देने के पक्ष में हूं। जब एक पत्रकार ने उनसे कश्मीर की मौजूदा स्थिति से निपटने में उनके रोल के बारे में सवाल किए तो इस पर राजनाथ सिंह ने पत्रकारों को बताने की कोशिश की। महबूबा मुफ्ती जी भी आप ही के शहर हैं हालांकि महबूबा मुफ्ती आग बबूला हो गईं और कहा कि आखिर वह क्या कहना चाहते हैं? मैं टास्क फोर्स से दक्षिण कश्मीर के युवाओं को बचाया है? इस मौके पर राजनाथ सिंह लगातार महबूबा मुफ्ती के गुस्से को शांत करने की कोशिश कर रहे थे और महबूबा मुफ्ती की पीठ थपथपा रहे थे। लेकिन महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि सारे विश्व में कहीं भी हिंसा नहीं हो रही है। अगर आप चाहते हैं कि इस समस्या को भड़काया जाए तो तशदोही लोग पैदा करेंगे। एक पत्रकार ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने सत्ता में आने के बाद अपना रुख बदल लिया है। जब वह 2010 में विपक्ष के नेता थे तो हिंसा पर उमर अब्दुल्ला सरकार की आलोचना की थी, अब वही रणनीति ही इस्तेमाल कर रही हैं।