जबसे केंद्र और राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी, दलितों और मुसलमानों का उत्पीड़न शुरु हुआ- मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज चंडीगढ़ में संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब की सरकार ने दलितों और कांशीराम को गंभीरता से नहीं लिया।

पंजाब सरकार ने उन्हें नज़रअंदाज कर दिया था। उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर 25 में कहा कि दलितों के त्याग को गंभीरता से नहीं लिया गया था, पंजाब में कार्यकर्ता खुद मेहनत करें।

उन्होंने कहा कि जब से केंद्र और देश के कई राज्यों में बीजेपी सरकार बनी है, तभी से आरएसएस के एजेंडे को लागू करने की कोशिश की जा रही है। दलित, मुस्लिम समेत गरीब तबकों का उत्पीड़न किया जा रहा है।

मायावती ने इस दौरान कहा कि दलितों के खिलाफ हो रही हिंसा के मामलों में तेजी आई है। उन्होंने हैदराबाद और ऊना घटना का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि जब मैंने इस बात को राज्यसभा में बात रखने की कोशिश की तो मेरी बात को नहीं रखने दिया गया था. इसी कारण मैंने राज्यसभा से ही इस्तीफा दे दिया था।

मायावती ने कहा कि अगर मैं देश की संसद में ही दलितों की बात नहीं रख सकती हूं तो यहां रहने का क्या फायदा, इसलिए राज्यसभा से इस्तीफा दिया था। मायावती ने कहा कि बीजेपी दलित विरोधी पार्टी है। मायावती बोलीं कि सहारनपुर में जो हिंसा हुई उसे जानबूझकर बढ़ावा दिया गया।

उन्होंने कहा कि आरक्षण को रोकने के लिए प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। बसपा ने कभी भी पिछड़े समाज को आरक्षण देने का विरोध नहीं किया है, मंडल कमीशन की रिपोर्ट को हमारे दबाव के बाद ही लागू किया गया था।

सूत्रों के अनुसार बसपा सुप्रीमो मायावती ने चंडीगढ़ में संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ रैली के जरिए खुद को 2019 के लिए प्रधानमंत्री पद के तौर पर प्रोजेक्ट करने की कोशिश भी कर रही हैं।

बसपा के संस्थापक रहे कांशीराम के जन्मदिन पर आयोजित इस रैली को मायावती की ओर से 2019 चुनावों के लिए बसपा का शंखनाद भी बताया जा रहा है।