टीपू ‘ज़ालिम और कट्टर सुलतान’ थे, जयंती नहीं मानाने देंगे: आरएसएस

बेंगलुरु: आरएसएस ने कर्नाटक में इस साल ” ‘टीपू जयंती”मनाने का विरोध करते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे क्योंकि मैसूर साम्राज्य के पूर्व शासक”मज़हबी तौर पर कट्टर और ज़ालिम सुल्तान’ ‘थे.

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

बसीरत ऑनलाइन के अनुसार,करनाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संघ के क्षेत्रीय सरसंघचालक वी नागराज ने संवाददाताओं से कहा कि टीपू जयंती का विरोध करने के लिए हमारे संगठन सड़कों पर उतरेगी क्योंकि मैसूर के शासक तानाशाह, धार्मिक तौर पर कट्टर और ज़ालिम सुल्तान थे. नागराज के अनुसार, कांग्रेस सरकार के फैसले के बाद राज्य में पिछले साल दस नवम्बर से टीपू जयंती मनाई जा रही है जिससे बड़ा विवाद पैदा हो गया, बीते साल नवंबर में कोडाग जिले में हिंसा भड़क उठी थी.
नागराज ने यह भी कहा कि टीपू जयंती मनाने से ईसाइयों के”ज़खम पर नमक छड़कने”जीसा है जिन्हें मैसूर के तत्कालीन शासक ने काफी सताया था। उन्होंने कहा कि वामपंथी इतिहासकार एम पककर भी टीपू के धार्मिक शोषण का अनुवाद मलयालम और अंग्रेजी में किया है जिसे अरबी और फ़ारसी भाषाओं में लिखा गया था.एक सवाल के जवाब में आरएसएस नेता ने कहा कि सरकार को चाहिए कि रोदरेश हत्या मामले में सरकार कदम उठाए ताकि हत्यारों को मौत की सज़ा मले. आरएसएस कार्यकर्ता रोदरेश का 16 अक्टूबर को कामराज मार्ग पर मोटर साईकल सवार ने मार दिया था।
आप को बता दें की आरएसएस इस तरह का विवाद पैदा कर के और मन गड़त आरोप लगा कर मुस्लिम समुदाय के इतिहास को ख़त्म करना चाहती है ताकि मुसलमानों की अगली नसल अपने शानदार इतिहास को फरामोश कर दे.