दाभोलकर, कलबुर्गी, लंकेश की हत्या के पीछे एक ही ग्रुप का हाथ- पुलिस

सामाजिक कार्यकर्ता एवं तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर, एमएम कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के पीछे दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के एक ही समूह का हाथ है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बात कही है. हालांकि उन्होंने बताया कि जांच एजेंसियां इस समूह का संबंध तर्कवादी एवं वामपंथी नेता गोविंद पानसरे की हत्या से नहीं जोड़ पाई हैं. बता दें कि महाराष्ट्र विशेष जांच दल (एसआईटी) पानसरे की हत्या के मामले की जांच कर रहा है.

अधिकारी ने शनिवार को कहा, “जांच के दौरान, यह सामने आया कि समान सोच वाले एक गिरोह के सदस्य दाभोलकर, लंकेश और कलबुर्गी की हत्या में शामिल थे. इस गिरोह के लगभग सभी सदस्यों का संबंध सनातन संस्था और उसकी शाखा हिंदू जनजागृति समिति से है.” उन्होंने दावा किया कि दाभोलकर, कलबुर्गी और लंकेश की हत्या इस गिरोह के सदस्यों ने की है, क्योंकि वे हिंदू धर्म के खिलाफ आवाज उठा रहे थे.

उन्होंने कहा, “अब तक हुई जांच दिखाती है कि जिन लोगों को पालघर जिले के नालासोपारा से विस्फोटकों के बड़े जखीरे की जब्ती के संबंध में गिरफ्तार किया गया था, उनका सीधा संबंध दाभोलकर, कलबुर्गी और लंकेश की हत्या से है.” अधिकारी ने बताया कि इस बीच पानसरे की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.

दाभोलकर की अगस्त 2013 में पुणे में हत्या कर दी गई थी. पानसरे को कोल्हापुर में 16 फरवरी, 2015 को गोली मार दी गई थी. उनकी 20 फरवरी को मौत हो गई थी. पिछले साल सितंबर में बेंगलुरु में लंकेश की उनकी घर में हत्या कर दी गई थी. इससे पहले, 30 अगस्त 2015 को कर्नाटक के धारवाड़ जिले में कलबुर्गी की उनके घर के प्रवेश द्वार पर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.

पिछले महीने नालासोपारा से विस्फोटकों की जब्ती के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया था और कहा था कि वह दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी और लंकेश की हत्या सहित सभी ज्ञात एवं अज्ञात मामलों में उनकी भूमिका की जांच करेगी.