नए एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-मुंबई की दूरी 12 घंटे में होगी तय, पांच राज्यों से होकर गुजरेगा

सरकार ने दिल्ली-मुंबई ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की रूपरेखा तय कर दी है। इसके मुताबिक दिल्ली से मुंबई की सड़क दूरी लगभग 200 किलोमीटर कम हो जाएगी और कार से इसका सफर महज 12 घंटे में पूरा किया जा सकेगा।

05 राज्यों के आदिवासी क्षेत्र से गुजरेगा :
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने दिल्ली-मुंबई ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के रेखांकन (एलाइनमेंट) का अध्ययन पूरा कर लिया है। एक्सप्रेस-वे गुरुग्राम के राजीव चौक से शुरू होकर मेवात-कोटा-रतलाम-गोधरा-बड़ोदरा-सूरत-दहिसर होते हुए मुंबई में समाप्त होगा। एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले मेवात (हरियाणा) और दाहोड़ (गुजरात) देश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार हैं। यह पांच राज्यों के अति पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। इससे वहां के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा।

200 किलोमीटर दूरी घटेगी :
सूत्रों ने बताया कि गुरुग्राम से जयपुर रिंग रोड तक एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-आठ के सामानांतर बनाया जाएगा। यहां से अलवर (हरियाणा) होते हुए आदिवासी क्षेत्र झाबुआ-रतलाम-बड़ोदरा तक जाएगा। एक्सप्रेस-वे हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र के पिछड़े व आदिवासी क्षेत्र से होकर गुजरेगा। वर्तमान में दिल्ली-मुंबई की सड़क से 1450 किलोमीटर की दूर है। नए एक्सप्रेस-वे से यह दूरी घटकर 1250 रह जाएगी।

12 लेन चौड़ा, सिग्नल फ्री :
यह एक्सप्रेस-वे 12 लेन चौड़ा और सिग्नल फ्री होगा। इससे इस एक्सप्रेस-वे पर कार के जरिये दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी 12 घंटे में तय की जा सकेगी। जबकि सामान्य रूप से कार से यह दूरी तय करने में 24 घंटे लगेंगे। वहीं, ट्रक 44 घंटे के बजाय 22 घंटे में अपना सफर तय कर सकेंगे।

36 माह में निर्माण का लक्ष्य :
सरकार ने एक्सप्रेस-वे को 36 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस पर लगभग एक लाख करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा। पिछड़े व आदिवासी क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण होने से सरकार के 16 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के रास्ते में पड़ने वाले शहरों को संपर्क मार्ग से जोड़ा जाएगा