नये मंत्रीमंडल विस्तार में दिख रहा है चुनावी रंग

दिल्‍ली। मोदी कैबिनेट के विस्तार के तहत मंत्रिमंडल में 19 नए चेहरों को शामिल किया गया है। प्रकाश जावड़ेकर को प्रमोशन देकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। फग्गन सिंह कुलस्ते, अनिल माधव दवे, एसएस अहलुवालिया, रमेश चंदप्पा, राजेन गोहेन, रामदास अठावले, जसवंत सिंह भाभोर, अर्जुनराम मेघवाल, पुरुषोतम रुपाला,अजय टमटा, महेंद्र नाथ पांडेय, कृष्णा राज, मनसुख भाई मंडविया, अनुप्रिया पटेल, सीआर चौधरी, पीपी चौधरी, सुभाष भामरे और एमजे अकबर को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है।

इस विस्तार में राजनीति में अनुभव और शिक्षा को मंत्रियों के चयन में अहमियत दी गई है। इसके अलावा भौगोलिक और सामाजिक विविधता का भी ध्यान रखा गया है। धर्म और राजनीति के आधार पर चयन नहीं किया गया है, बल्कि पेशेवर और केंद्र-राज्य सरकारों में अनुभव देखा गया है। खबरों के मुताबिक, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में नए मंत्रियों को लगाया जाएगा। मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी चुनावों का खास तौर पर ध्यान रखा गया है। नए मंत्रियों में यूपी से कई नेताओं को लिया गया है।

प्रधानमंत्री ने चयन प्रक्रिया के सुस्पष्ट फ्रेमवर्क के तहत ऐसे लोगों को मंत्रिपरिषद में जगह दी है, जो उनके विकास और सुशासन के एजेंडे को आगे बढ़ाने और इस दिशा में स्पष्ट नतीजे देने के साथ ही सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं गांव, गरीब एवं किसान पर ध्यान दे सकें।

इस कड़ी में कुशल व्यक्तियों के चुनाव के लिए लंबी मशक्कत की गई। मंत्रिपरिषद में जगह देने के लिए उनको योग्यता और कुशलता की कसौटी पर आंका गया। इस संदर्भ में यह फेरबदल आम चलन के उलट रहा।