नोटबंदी: पैसे की कमी से लंगर खाने वालों की संख्या बढ़ी

नई दिल्ली: नोटबंदी का असर धार्मिक स्थलों पर भी देखने को मिल रहा है. चांदनी चौक के शीशगंज गुरुद्वारा में लंगर खाने वालों की संख्या दो गुना बढ़ गई है. नोटबंदी के बाद गुरुद्वारा में आटे की खपत दो गुना बढ़ गई है, वहीं दाल और सब्जी की खपत पहले के मुताबिक बहुत ज्यादा हो रही है. आजतक के सर्वे के अनुसार यह खपत नोटबंदी के ऐलान के बाद अचानक बढ़ी है.

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गुरुद्वारा में इंतजाम देखने वाले लोगों के मुताबिक कैश ना होने की वजह से लोग खाना खाने के लिए गुरुद्वारे में लंगर करने चले आते हैं. कभी-कभी खाना कम पड़ने पर दिल्ली के बड़े गुरुद्वारों से खाना मंगाना पड़ जाता है. नोटबंदी से पहले 6 क्विंटल आटा इस्तेमाल होता था, जो अब 14 क्विंटल तक पहुंच गया है. सब्जी का बजट भी दोगुना हो गया है. लंगर 24 घंटे खुला रहता है इस वजह से लोग लगातार आते हैं.शीशगंज गुरुद्वारे में भीड़ बढ़ने की एक वजह आसपास रेलवे स्टेशन, चांदनी चौक का बाजार, लाल किला भी है.
गुरुद्वारा के प्रबंधक मुख़्तियार सिंह ने बताया कि ‘सराय में ठहरने वाले लोग पुराने नोट न चलने की शिकायत करते हैं. जो यात्री बाहर से आ रहे हैं उन्हें परेशानी हो रही है. उन्हें पता है कि गुरुद्वारे में लंगर मिलेगा और वे खाने केलिए गुरुद्वारा आ जाते हैं जिस वजह से नोटबंदी के बाद खपत दोगुना से अधिक हो गया है.’