पाकिस्तान में बग़ावत की सूरत में फ़ौज की ताईद मुशर्रफ़

नई दिल्ली, १६ जनवरी ( पी टी आई ) साबिक़ पाकिस्तान सदर जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने कहा कि उन्हें वाजिबी हद तक यक़ीन है कि पाकिस्तान में फ़ौज की जानिब से कोई बग़ावत नहीं की जाएगी ताहम अगर फ़ौज बग़ावत करते हुए इक़तिदार पर क़बज़ा कर लेती है तो वो फ़ौज की हिमायत करेंगे ।

मुशर्रफ़ ने कहा कि वो क्रिकेटर से सियासतदां बनने वाले इमरान ख़ान की सयासी जमात के साथ इत्तेहाद के लिए भी खुला ज़हन रखते हैं लेकिन उसे इक़तेदार मिलने पर वो इमरान ख़ान के तहत काम करने को तैयार नहीं हैं।

मुशर्रफ़ ने सी एन एन ,आई बी एन पर डेविल्स ऐडवोकेट प्रोग्राम में हिस्सा लेते हुए कहा कि वो नहीं समझते कि फ़ौज वहां इक़तिदार हासिल करना चाहते है ।

फ़ौज के लिए बग़ावत करने के लिए हालात साज़गार नहीं है और वो समझते हैं कि फ़ौज इन हालात को समझते है । इस सवाल पर कि आया वो किसी बग़ावत की ताईद करेंगे मिस्टर मुशर्रफ़ ने कहा कि उन्हें वाजिबी हद तक यक़ीन है कि फ़ौज की जानिब से इक़तेदार हासिल करने बग़ावत नहीं की जाएगी लेकिन वो हमेशा ही फ़ौज की ताईद करेंगे ।

वो फ़ौज में रहे हैं और वो फ़ौज के ख़िलाफ़ जाने का सोच भी नहीं सकते । वो फ़ौज के साथ हैं और फ़ौज के साथ ही रहेंगे । इमरान ख़ान की जमात तहरीक इंसाफ़ के साथ इत्तिहाद के इमकान से मुताल्लिक़ उन्होंने कहा कि अगर वो ( इमरान ख़ान ) चाहते हैं कि इत्तिहाद हो तो यक़ीनी तौर पर वो भी इतेहाद करना चाहेंगे ।

उन्हों ने कहा कि हमें तीसरा सयासी इमकान बन कर उभरना होगा कि उनका मुल्क में दो सयासी इमकानात हैं और ये वक़फ़ा वक़फ़ा से आज़माऐ गए हैं और नाकाम रहे हैं। अब ज़रूरत इस बात की है कि इतेहादी ताकतें सामने आएं और तीसरा सयासी इमकान अवाम के सामने पेश करें जो पाकिस्तान की ख़िदमत कर सके ।

जनरल मुशर्रफ़ इस माह के अवाख़िर मैं ख़ुद मुसल्लत जिलावतनी से वतन वापस होने का मंसूबा रखते हैं। उन्हों ने कहा कि वो इस बात से वाक़िफ़ हैं कि इमरान ख़ान की पार्टी में कौन से लोग हैं जो ये कहते हैं कि इन ( मुशर्रफ़ ) के साथ किसी तरह का इतेहाद नहीं हो सकता ।

उन्होंने कहा कि इस तरह के अफ़राद के पास कोई वीज़न नहीं है । वो नहीं समझते कि वो क्या कह रहे हैं। ये लोग मैदान पर आते हैं और शिकस्त खाते हैं । इस के बाद अवाम इसी पार्टी को मुंतख़ब करते हैं और पाकिस्तान मुतास्सिर होता है । उन्हों ने इमरान ख़ान से इत्तेहाद की सूरत में इक़तिदार मिलने पर इमरान के तहत काम करने से इनकार कर दिया । उन्होंने कहा कि वो इमरान के तहत काम नहीं कर सकते ।

वो बाहर रह सकते हैं लेकिन उन के तहत काम नहीं कर सकते। मिस्टर मुशर्रफ़ ने क़ौमी असेंबली के लिए क़बल अज़ वक़्त इंतेख़ाबात की हिमायत नहीं की जो शीडोल के मुताबिक़ आइन्दा साल होने हैं।

उन्हों ने ताहम कहा कि इंतिख़ाबात वक़्त पर होने चाहिऐं की उन का वहां हालात को सुधारने का वही वाहिद रास्ता है ।

फ़िलहाल दुबई में मुक़ीम मुशर्रफ़ ने अपनी पाकिस्तान वापसी के ताल्लुक़ से कहा कि वो जानते हैं कि मुल्क में इन की ज़िंदगी को ख़तरा है और वो अपनी वापसी पर गिरफ़्तारी का सामना करने के लिए तैयार हैं।

उन्हों ने कहा कि यक़ीनी तौर पर ख़तरा है । गिरफ़्तारी हो सकती है और उन्होंने इस पर ग़ौर किया है और ख़तरा का सामना करना पड़ता है ।

उन्हों ने कहा कि एक और बात ये है कि उन्हें इक़तेदार नहीं मिल पाएगा । ये सवालिया निशान है । वो सयासी सूरत-ए-हाल में अपना रोल अदा करेंगे और उन्हें उम्मीद है कि इंतेख़ाबात में अच्छा मुज़ाहरा करेंगे ।

एक सवाल के जवाब में उन्हों ने कहा कि पाकिस्तानी अवाम अब उन के दौर को याद कर रहे हैं जब पाकिस्तान सुनहरी दौर से गुज़र रहा था ।

उन्हों ने कहा कि मुल़्क की मईशत मुश्किल में है । ला एंड आर्डर और दहश्तगर्दी उरूज पर हैं हुकूमत गैर कारकर्द है उसे मैं अवाम उन्हें आठ साल को याद कर रहे हैं जब उन्हों ने पैसा कमाया था इन का मीआर ज़िंदगी बुलंद हुआ था ।

यक़ीनी तौर पर ये सुनहरा दौर था । ये तरक़्क़ी का दौर था जिस में मलिक ने तरक़्क़ी की और अवाम की फ़लाह बहबूद हुई थी । इस सवाल पर कि अगर वो इक़तेदार पर आ जाएं तो फ़ौज का क्या रोल रहेगा मिस्टर मुशर्रफ़ ने कहा कि सयासी हुक्मरानी में फ़ौज का कोई रोल नहीं होगा।

पाकिस्तान में हमेशा सियोल हुकूमत की बाला-ए-दस्ती रही है । ये तास्सुर ग़लत है कि फ़ौज और आई एस आई का हमेशा ग़लबा रहा है ।