मुस्लिमों की भरमार फिर भी सपा ने नहीं दिया एक भी टिकट, मायावती ने उतारे दो मुस्लिम उम्मीदवार

शम्स तबरेज़, सियासत ब्यूरो।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में सात विधानसभा क्षेत्र है जिनमें मुस्लिम मतदाओं की संख्या लगभग 25 प्रतिशत यानि 4 लाख 90 हज़ार है। इसके बावजूद मुस्लिम हितैषी होने का दावा ठोकने वाली समाजवादी पार्टी ने एक भी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनया है। अक्सर पार्टियां मुसलमानों का वोट लेने के लिए मुंह बाए खड़ी रहती हैं, लेकिन जब टिकट देने की बारी आती है, उनका खुला हुआ मुंह बंद हो जाता है और टिकट के मसले पर सांस भी नहीं लेती हैं, जबकि बसपा ने 2 मुस्लिम उम्मीवारों को रानीगंज और कुंडा विधानसभा सीट से उतारा है।
न्यूज़ नेटवर्क ग्रुप न्यूज़ 18 के अनुसार जिले के कुल 23 लाख 28 हजार 531 मतदाता में 4 लाख 90 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। आंकड़ों के मुताबिक रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र में कुल तीन लाख 15 हजार 367 मतदाता में से मुस्लिम 45 हजार है। जबकि बाबागंज महफूज़ में तीन लाख 4 हजार 996 मतदाता में 55 हजार मुस्लिम हैं।
कुंडा में कुल तीन लाख 42 हजार 440 मतदाता में एक लाख मुस्लिम मतदाता हैं। विश्वानाथगंज में कुल तीन लाख 80 हजार 358 मतदाता में 92 हजार मुस्लिम हैं, प्रतापगढ़ विधानसभा में कुल तीन लाख 30 हजार 719 मतदाता में 75 हजार मुस्लिम हैं। पट्टी में कुल तीन लाख 38 हजार 890 मतदाता में 50 हजार मुस्लिम हैं। रानीगंज में कुल तीन लाख 15 हजार 761 मतदाता में 80 हजार मुस्लिम है।
कुल सात विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 25 प्रतिशत होने के कारण मुसलमान हमेशा निर्णायक भूमिका में रहते हैं। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में मुसलमानों के समर्थन से समाजवादी पार्टी आधा दर्जन सीटों पर काबिज हुई थी। लेकिन इस बार हालात विपरीत है और एक भी मुसलमानों को टिकट नहीं देने से मुसलमानों में समाजवादी पार्टी के प्रति अधिक नाराजगी है, लेकिन बसपा ने मुसलमानों को टिकट देकर आकर्षित करने की अधिक कोशिश की है। खैर जो भी हो अब तो निर्णायक भूमिका निभाने वाले मतदाता ही ये तय करेंगे कि उनका नेता हिन्दू हो या मुस्लिम लेकिन इस बात को नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता कि समाजवादी पार्टी जिन मुसलमानों का दम भरती है उनको एक भी टिकट देने में आखिर परहेज़ क्यों?