राजस्थान चुनाव: बीजेपी के सिंगल मुस्लिम उम्मीदवार युनूस खान, जानिए, इनका सियासी कद!

भारतीय जनता पार्टी ने टोंक विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशी को बदलते हुए वहां से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी व पीडब्ल्यूडी मंत्री युनुस खान को मैदान में उतारा है। इस सीट पर खान का मुकाबला कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट से होगा। बीजेपी ने अंतिम मौके पर अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए इस मुस्लिम बहुल सीट पर सचिन पायलट को घेरने की कोशिश की है।

युनुस खान राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी के इकलौते मुस्लिम प्रत्याशी हैं। बीजेपी ने सोमवार को जारी प्रत्याशियों की अपनी अंतिम सूची में युनुस खान का नाम टोंक सीट से शामिल किया।

पार्टी ने इससे पहले यहां से मौजूदा विधायक अजित सिंह मेहता को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी लेकिन कांग्रेस ने जब मुस्लिम बहुल टोंक सीट से पायलट को उतारने की घोषणा की तो यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी अपने प्रत्याशी को बदलकर युनुस खान को उतार सकती है।

यूनुस खान वसुंधरा सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं. उन्हें मुख्यमंत्री राजे का करीबी माना जाता है। शुरुआती तीन सूचियों में डीडवाना से टिकट नहीं मिलने पर खान के समर्थक नाराजगी जताने जयपुर पहुंच गए थे. इस चर्चा को बल मिलने लगा था कि इस बार बीजेपी उत्तर प्रदेश के तर्ज पर राजस्थान में भी हिंदुत्व कार्ड खेल खेल रही है।

पार्टी ने पहली सूची में नागौर से दो बार विधायक रहे हबीबुर्रहमान का भी टिकट काट दिया था। पार्टी ने हिंदूवादी छवि के नेता ज्ञानदेव आहूजा और बनवारी लाल सिंघल के टिकट को काट दिया था ऐसे में यूनुस के टिकट पर मुहर लगना आसान नहीं माना जा रहा था। हालांकि, टिकट नहीं मिलने के सवाल पर खुद युनुस खान यही कहते रहे कि पार्टी का जो भी फैसला होगा। वह उन्हें मंजूर होगा।

वसुंधरा राजे सरकार में कद्दावर मंत्री रहे युनुस खान इस समय डीडवाना से विधायक हैं। खान को बीजेपी ने 1998 में पहली बार डीडवाना से मैदान में उतारा था। हालांकि वह अपना पहला चुनाव हार गए थे। 2003 में बीजेपी ने उन पर फिर भरोसा जताया।

खान पार्टी के भरोसे पर खरे उतरे और कांग्रेस के रूपा राम डूडी को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। हालांकि 2008 में वह रूपा राम डूडी से चुनाव हार गए लेकिन 2013 में फिर से इस सीट पर कमल खिला दिया।

साभार- ‘ज़ी न्यूज़’