‘लव जिहाद’ से बचाने के लिए लड़कियों के फोन रखने पर लगी पाबंदी

यूपी के आगरा में वैश्य समाज ने लड़कियों के मोबाइल फोन रखने पर पाबंदी लगा दी है| अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद (एबीईवीपी) ने ‘लव जिहाद’ की चपेट में आने से बचने के लिए लड़कियों से कहा है कि वे मोबाइल फोन का इस्तेमाल ना करें|

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक वैश्य समाज ने स्कूल जा रही लड़कियों के लिए मोबाइल पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है| वैश्य समाज के लोग 12वीं क्लास तक की लड़कियों को मोबाइल फोन से अलग रखना चाहते हैं ताकि दूसरे फिर्केके लड़कों या मर्दों से वे दूर रह सकें|

शहर में मुनाकिद ट्रेडर्स और इंडस्ट्री वेलफेयर सोसायटी एसोसिएशन के एक मीटिंग में तकरीबन हजारों लोगों ने हिस्सा लिया| इस मीटिंग में कलराज मिश्रा (Union Minister of Micro and Small Industries) ने भी हिस्सा लिया|

एबीईवीपी के कौमी सदर सुमंत गुप्ता ने कहा कि रियासत में सपा की हुकूमत है जो कमजोर फिर्को को छोड़कर “एक खास फिर्के के लिए खुसूसी इख्तेयारात ” दे रही है, इसलिए लड़कियों के मोबाइल फोन पर पाबंदी लगा देना जरूरी है|

पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी शहरी की तरफ से ऐसा फैसला लिया जा रहा है| इससे पहले खाप पंचायतें लड़कियों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगाने की बात करती आ रही हैं|

गुप्ता का कहना है, “मोबाइल फोन और इंटरनेट आज के नौजवानो का करियर और जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं| ऐसी चीजें नौजवानो को ‘लव जिहाद’ में फंसा देती हैं| हम रियासत में इस तरह के मामलों की बढ़ती तादाद से मायूस और फिक्रमंद है, खासकर तब जब इसमें वैश्य तब्के की लड़कियां शामिल हैं| हमारे पास एहतियात बरतने के अलावा कोई दूसरा आप्शन नहीं है|”

गुप्ता ने बताया कि उनकी तंज़ीम की मुहिम के मुताबिक रियासत में नौजवानों और ख्वातीन की एक यूनिट तैयार की जाएगी जो वैश्य जाति के लड़कियों और नौजवानो को जाकर मोबाइल फोन ना इस्तेमाल करने के लिए समझाएंगे, उन्हें प्यार से समझाया जाएगा, कोई दबाव नहीं डाला जाएगा|

इस पर रद्दे अमल ज़ाहिर करते हुए एसएसपी शलभ माथुर ने कहा कि “लव जिहाद” लफ्ज़ सिर्फ फिर्कावाराना की बुनियाद पर डर और समाज को तक्सीम करने के लिए गढ़ा गया है|