लालू यादव के बयान से बिफरे जदयू लीडर , कहा- नसीहत की जरूरत नहीं

पटना : कानून-निज़ाम के मसले पर राजद सदर लालू प्रसाद की नसीहत जदयू को रास नहीं आई। पार्टी के रियासती सदर वशिष्ठ नारायण सिंह और रियासती तर्जुमान नीरज कुमार ने रियासत में कानून-निज़ाम को लेकर वजीरे आला नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की।

जदयू लीडरों ने साफ तौर पर कहा कि जुर्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी और कानून का राज कायम करने के लिए नीतीश पूरे मुल्क में जाने जाते हैं। अगर इस सिलसिले में कोई सुझाव आता है तो उसका इस्तकबाल किया जाएगा। लेकिन नीतीश की काम करे के तरीके किसी से छिपी नहीं है।
वशिष्ठ ने कहा, लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों ही बिहार में कानून का राज चाहते हैं। इस फ्रंट पर दोनों की नज़रिया एक है।
लालू अगर अवामी तौर से बोल रहे हैं तो इसके पीछे उनकी यही मतलब है कि जुर्म का खात्मा होना चाहिए। नीतीश तो कानून का राज कायम करने के लिए ही जाने जाते हैं। सबको मालूम है कि वज़ीरे आला ने किस तरह से बिहार में कानून निजाम कायम किया। नीरज बोले-कानून- निज़ाम के मुद्दे पर पूरा मुल्क नीतीश कुमार से सीख लेता है। छिटपुट वारदात हमारे लिए चैलेन्ज हैं। सामाजिक जकड़न वाले रियासत बिहार में नीतीश को कानून निज़ाम कायम करते हुए पूरी दुनिया ने देखा है। अब लोगों का नजरिया अलग-अलग हो सकता है। लेकिन, इस पर किसी को भी हमें नसीहत देने की जरूरत नहीं है, खास कर भाजपा और उसके कुनबे को।

भाजपा लीडर सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में बढ़ते जुर्म पर नीतीश कुमार को नसीहत देकर लालू ने खुद को ‘सुपर सीएम’ साबित कर दिया है। लालू ने यह भी साफ कर दिया है कि सरकार का ‘रिमोट’ उनके पास है। अगर कारोबारियों, इंजीनियरों, डॉक्टरों और बैंकरों को सिक्यूरिटी चाहिए तो उन्हें लालू की शरण में आना होगा। लालू ने नीतीश को याद दिलाया है कि वे 14 वज़ीरों के सीएम हैं जबकि राजद सदर 16 वज़ीरों के सुपर सीएम हैं।