विक़ार को अप्रैल 2012 में ही हलाक किए जाने का अंदेशा था

विक़ार अहमद और इस के साथीयों को जिस अंदाज़ में फ़र्ज़ी एनकाउंटर में हलाक किया गया है। इस से ये शुबहात ज़ाहिर होते हैं के पुलिस ने एक मंसूबा बंद तरीक़े से ये साज़िश अंजाम दी है।

विक़ार अहमद के वालिद मुहम्मद अहमद की तरफ से 25 अप्रैल 2012 को आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट के चीफ़ जस्टिस को रवाना किए गए एक मकतूब में उन्होंने अपने फ़र्ज़ंद को वर्ंगल सेंट्रल जेल से हैदराबाद-ओ-रंगारेड्डी की अदालत की मुंतक़ली के दौरान फ़र्ज़ी एनकाउंटर में हलाक करने का डर ज़ाहिर किया था।

वाज़िह रहे के वर्ंगल के जंगाओं इलाक़े में पुलिस पार्टी पर मुबय्यना तौर पर हमला करने और पुलिस तहवील से फ़रार होने का इल्ज़ाम आइद करते हुए ओदए भास्कर की ज़ेरे क़ियादत पुलिस एस्कॉर्ट पार्टी ने नौजवानों के ख़िलाफ़ एक मुक़द्दमा दर्ज करवाया था। बावर किया जाता हैके फ़रार होने की कोशिश के बहाने विक़ार और इस के साथीयों को 2012 में ही एनकाउंटर में हलाक करने का मंसूबा तैयार किया गया था लेकिन विक़ार के वालिद की तरफ से चीफ़ जस्टिस हाइकोर्ट को इस सिलसिले में मकतूब रवाना करने से नौजवानों का ख़तरा टल गया था। लेकिन सूर्यपेट में सेमी और पुलिस के दरमयान फायरिंग के तबादले में 4 पुलिस मुलाज़िमीन सब इंस्पेक्टर हलाक होगया था और दो सेमी के अरकान को भी एनकाउंटर में हलाक किए जाने के बाद रियासत में माहौल गर्मा गया था। और इस माहौल का फ़ायदा उठाते हुए पुलिस ने पांचों नौजवानों को मौत की नींद सुला दिया।

लिहाज़ा उन्हें वर्ंगल जेल से मुंतक़िल करके विशाखापटनम , नेल्लोर, कड़पा या किसी भी रियासती जेल में उन्हें फ़ौरी मुंतक़िल किया जाये क्युंकि वर्ंगल पुलिस स्कॉर्ट का रवैया इंतेहाई मशकूक है।और ये केस में जीत यक़ीनी थी।