सरकारी इदारों को मुफ़व्विज़ा हदूद से तजावुज़ केख़िलाफ़ इंतिबाह, लोक सभा स्पीकर

जए पुर।24 सितंबर ( पी टी आई) लोक सभा की स्पीकर मीरा कुमार ने हुकूमत को ख़बरदार किया है कि वो अपने मुफ़व्विज़ा हदूद से तजावुज़ ना करें ताकि तवाज़ुन को बरक़रार रखने के लिए दस्तूरी गुंजाइश पामाल ना होसके। राजिस्थान असैंबली में मुनाक़िदा एक समपोज़ीयम से ख़िताब करते हुए श्रीमती मीरा कुमार ने कहा कि हुकूमत के किसी भी गोशे को दूसरे इदारों की कारकर्दगी में मुदाख़िलत नहीं करना चाहीए और ना ही वो अपनी ज़रूरी ख़िदमात से पहलू तही करे ताकि मुख़्तलिफ़ इदारों के दरमयान तवाज़ुन को बरक़रार रखने के लिए दस्तूरी तवाज़ुन को बरक़रार रखा जा सके। स्पीकर ने क़ौम के वसीअ तर मुफ़ादात के तहत मुख़्तलिफ़ इदारों के माबैन मूसिर सूझ बूझ और ताम्मुल मील की एहमीयत पर ज़ोर दिया। उन्हों ने कहा कि हमेशा ये निहायत ज़रूरी रहा है कि सरकारी इदारों के माबैन ताल मेल बरक़रार रहे और अगर ये इदारे एक दूसरे के मुफ़व्विज़ा हदूद से तजावुज़ करते हैं तो इस से उन इदारों की कारकर्दगी को नुक़्सान होगा और ऐसे अमल का सब से ज़्यादा शिकार वसीअ तर क़ौमी मुफ़ादात ही होसकते हैं।श्रीमती मीरा कुमारी ने कहा कि अदलिया की ग़ैरमामूली सरगर्मी मुख़्तलिफ़ गोशों मैं मर्कज़ तवज्जा बनी हुई है। अदलिया की ग़ैरमामूली सरगर्मी बिलख़सूस दस्तूरी माहिरीन, सरकरदा क़ानूनी शख़्सियात और दूसरों की तवज्जा का मर्कज़ बनी हुई है। बाअज़ अरकान-ए-पार्लीमैंट और अरकान असैंबली इस नज़रिया के हामिल हैं कि बसाऔक़ात अदलिया अपने हदूद से तजावुज़ करते हुए आमिला या मुक़न्निना के दायरे में दाख़िल होती देखी गई है। राजिस्थान असैंबली के स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि क़ानूनसाज़ी का अमल आज के दौर में हमागीर एहमीयत का हामिल होगया है।