सीरियल ब्लास्ट के मुल्ज़िम (खालिद) का इंतेकाल

बाराबंकी, 19 मई: कचहरी सीरियल ब्लास्ट के मुल्ज़िम खालिद मुजाहिद की हफ्ते के दिन फैजाबाद में पेशी से वापसी के दौरान मुश्तबा हालात में मौत हो गई।

फैजाबाद से बाराबंकी के बीच रामसनेहीघाट के पास अचानक तबियत बिगड़ने पर पुलिस उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई। जिला अस्पताल के डाक्टर ने उसे मुर्दा करार दिया।

इस खबर से जिला इंतेज़ामिया में हड़कंप मच गया। अस्पताल पहुंचे एसपी ने लाश का पंचनामा कराकर पोस्टमार्स्टम के लिए भेजा। तीन डॉक्टरों के पैनल ने कैमरे की निगरानी में पोस्टमार्टम किया है। मुल्ज़िम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के जज से वाकिया की मुंसिफाना जांच कराने की मांग की है।

इस बीच वज़ीर ए आला अखिलेश यादव ने सेक्रेटरी दाखिला की सदारत वाली एक कमेटी को इस वाकिया की जांच के हुक्म दिए हैं। इस कमेटी में एक एडीजी अथवा आईजी सतह के आफीसर भी शामिल होंगे। मामले की अदालती जांच के हुक्म भी दिए गए हैं।

मालूम हो कि लखनऊ, फैजाबाद और बनारस कचहरी में 2007 में हुए सीरियल ब्लास्ट के मुल्ज़िमों को हफ्ते के दिन लखनऊ जेल से पुलिस वैन से सुबह 10 बजे पेशी के लिए फैजाबाद ले जाया गया था।

फैजाबाद से वापस लौटते वक्त शाम करीब चार बजकर 40 मिनट पर मुल्ज़िम खालिद मुजाहिद की तबियत बिगड़ गई। खालिद जौनपुर के मड़ियाहूं का साकिन है।

सेक्युरिटी फोर्स के सब इंस्पेक्टर राम अवध के मुताबिक फैजाबाद कोर्ट में पेशी के लिए खालिद के साथ दिगर तीन मुल्ज़िम भी ले जाए गए थे।

दिगर तीन मुल्ज़िम तारिक कासमी ( आजमगढ़) , मोहम्मद अख्तर उर्फ तारिक (मोहबानी जिला बनकोट जम्मू) व सजादुर्ररहमान ( कंडवार कोछार तहसील छापरन जिला किस्तवाड़, जम्मू) हैं।

इस वाकिया के बाद पुलिस वैन में मौजूद तीन मुल्ज़िमों को नगर कोतवाली ले जाया गया जहां से करीब एक घंटे बाद उन्हें वापस लखनऊ जेल भेज दिया गया।

इनकी सेक्युरिटी में छह सिपाही व एक दरोगा समेत सात पुलिस कर्मियों को लगाया गया था।

वाकिया की खबर मिलते ही एडीएम जेपी सिंह, एसपी वसीम अहमद, एएसपी डॉ. ओपी सिंह ने जिला अस्पताल पहुंचकर हालात का जायजा लिया।