हल्दी की क़ीमत 7 हज़ार रुपयां फ़ी कोन्टल‌ मुक़र्रर करने का मुतालिबा

बी जे पी रियास्ती यूनिट सदर मिस्टर जी किशन रेड्डी ने आज चीफ़ मिनिस्टर मिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी को एक याददाश्त पेश करते हुए मुतालिबा किया कि हुकूमत हल्दी की अक़ल तरीन इमदादी क़ीमत 7000/- रुपया फ़ी कोन्टल‌ मुक़र्रर करते हुए उस की ख़रीदी मार्कफेड के ज़रीया करे।

मिस्टर किशन रेड्डी ने मज़ीद मुतालिबा किया कि रियास्ती हुकूमत हल्दी की फ़रोख़त के लिए किसानों को दरकार सर्टीफिकेट‌ के बारे में बेदारी पैदा करने के लिए किसानों में पम्फ़्लेट की तक्सीम करे।

उन्हों ने मुतालिबा किया कि हुकूमत हल्दी की जुमला फ़सल की ख़रीदी करे और एक किसान से सिर्फ 10 कोन्टल की ख़रीदी के क़ायदा को बर्ख़ास्त करदे। उन्हों ने हुकूमत पर इस बात के लिए भी ज़ोर दिया कि ख़रीदी की तारीख़ में 30 जून तक तौसी करे। उन्हों ने हुकूमत से किसानों की जानिब से हल्दी के बीज की ख़रीदी पर फ़ी एकड‌ दस हज़ार रुपयां की सब्सीडी देने की भी ख़ाहिश की।

मिस्टर किशन रेड्डी ने इल्ज़ाम आइद किया कि रियास्ती हुकूमत ने क़ब्लअज़ीं एलान किया था कि हल्दी की ख़रीदी मार्किट इंट्रो नेशन स्कीम के तहत मार्कफेड के ज़रीया की जाएगी लेकिन हुकूमत ने 5,500 रुपयां फ़ी कोन्टल की मामूली क़ीमत पर हल्दी ख़रीदने का फ़ैसला किया जबकि किसानों का मुतालिबा 7000 रुपयां फ़ी कोन्टल का है।

दूसरी जानिब ये अमर अफ़सोसनाक है कि मर्कज़ ने महकमा हारटीकल्चर की सिफ़ारिश के ख़िलाफ़ हल्दी के लिए क़लील क़ीमत 4000 रुपयां फ़ी कोन्टल मुक़र्रर की है। उन्हों ने कहा कि महकमा हारटीकल्चर ने मर्कज़ को इस बात से वाक़िफ़ किया है कि हल्दी उगाने वाले किसान उस की काशत पर 4,500 रुपयां फ़ी कोन्टल ख़र्च करते हैं। इस के बावजूद मर्कज़ ने 4000 रुपयां फ़ी कोन्टल ख़रीदने का फ़ैसला किया है।