हिंदूस्तान का एडवांस्ड मुवासलाती सैटेलाईट GSAT-10 कामयाबी से दाग़ा गया

हिंदूस्तान के एडवांस्ड मुवासलाती सैटेलाईट GSAT-10 को यूरोप के स्पेस पोर्ट से एरियन। रॉकेट के ज़रीये कामयाबी के साथ रवाना करदिया गया। जुनूबी(दक्षिण) अमेरीका में वाक़्य फ़्रैंच जय्याना के मुक़ाम से ये सैटेलाईट दाग़ा गया जो टैली कमयूनकेशन , डायरेक्ट टू होम नशरियात और रेडीयो नेवीगेशन सरविस में बेहद मददगार साबित होगा।

इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईज़ेशन (इसरो) ने बताया कि 11 घंटे और 30 मिनट की उलटी गिनती ख़तम‌ होते ही एरियन। ECA रॉकेट को GSAT-10 से मरबूत करदिया गया और ये मदार में पहूंच गया। GSAT-10 का वज़न 3 हज़ार 400 किलोग्राम है जिसे बैंगलौर में इसरो के हेडक्वार्टर में तैय्यार किया गया। इस प्रोजेक्ट पर 750 करोड़ रुपय की लागत आई जिस में सैटेलाईट की क़ीमत के अलावा यूरोपियन स्पेस कनसोरशीम एरियन स्पेस से खुला में रवाना करने की ख़िदमात और इंशोरंस भी शामिल है।

जैसे ही GSAT-10 स्पेस में दाख़िल हुआ, हासन (कर्नाटक) में इसरो के मास्टर कंट्रोल फ़सीलीटी को इत्तिला(सूचना) मिली और सैटेलाईट का मुकम्मल कमांड-ओ-कंट्रोल हासिल करलिया गया। इसरो ने अपने इस 101 वीं ख़लाई मिशन को कामयाब क़रार दिया है। इसरो ने बताया कि सैटेलाईट अच्छी हालत में है और इस के तमाम सिस्टम्स मोस्सर(प्रभावी ) तौर पर काम कररहे हैं।

अब तक की कारकर्दगी इतमीनान बख़श रही। GSAT-10 की मीयाद 15 साल होगी और उम्मीद है कि नवंबर से काम करना शुरू कर देगा. इस के नतीजे में टेलीविजन कमयूनकेशन, डी टी एच और रेडियो नेविगेशन सर्वेसस में नुमायां(विशेष सुधार) बेहतरी आएगी और टरांसपविंडर की गुंजाइश में 30 फ़ीसद का इज़ाफ़ा होगा।

इसरो के सदर नशीन के राधा कृष्णन ने जो ये सैटेलाईट दागे़ जाने के वक़्त हासन में मौजूद थे कहाकि नवंबर 2012 -ए-से तवक़्क़ो है कि GSAT-10 कारकरद होजाएगा और अवाम की सहूलत केलिए दस्तयाब( उपलब्ध) रहेगा। वाज़िह रहे कि इसरो ने हाल ही में अपना 100 वां मिशन कामयाबी के साथ पूरा किया जिस पर सदर जमहूरीया(राष्ट्रपति) , वज़ीर-ए-आज़म(प्रधानमंत्री)के बिशमोल सारी क़ौम ने साईंसदानों को मुबारकबाद दी थी।