मुंबई की खुसूसी टाडा कोर्ट ने बिल्डर प्रदीप जैन क़त्ल के मामले में अंडर वर्ल्ड डॉन अबु सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने अबु सलेम व दिगर दो मेहंदी हसन व कारोबारी वीरेंद झांब को गुजश्ता हफ्ते ही मुजरिम करार दिया था। प्रदीप जैन की 1995 में सलेम ने क़त्ल करवाया था। प्रदीप जैन मुंबई के बिल्डर थे और फिरौती न देने पर अबु सलेम के गुर्गों ने बिल्डर प्रदीन जैन का क़त्ल उनके जुहू वाक्ये बंगले के बाहर 7 मार्च, 1995 को गोली मारकर क़त्ल कर दिया गया था । प्रदीप जैन को 17 गोलियां मारी गई थीं।
यह मामला टाडा की विशेष अदालत में चल रहा था। मामले के दो अहम मुल्ज़िम नमीम खान और रियाज सिद्दीकी बाद में सरकारी गवाह बन गए थे। सलेम व दिगर ने मामले में अपना किरदार होने से इनकार किया था।
क़त्ल में सलेम और दिगर के किरदार के बारे में पूरा बयान देने वाला सिद्दीकी बाद में बदल अपने बयानों से मुकर गया था। टाडा कोर्ट ने सलेम को बिल्डर प्रदीप जैन के क़त्ल का मुजरिम माना।
पुलिस का कहना था कि उसने सलेम को अपनी एक बडी प्रापर्टी देने से इनकार कर दिया था। सलेम के इशारे पर उसके शूटरों ने बिल्डर प्रदीप जैन को मुंबई के जूहू इलाके में उसी के बंगले के सामने गोली मार दी थी। सलेम को 2005 में पुर्तगाल से भारत लाया गया था और वह तभी से आर्थर रोड जेल में बंद है।
गौरतलब है कि अबु सलेम 12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुई सीरियल ब्लास्ट मामले में भी मुल्ज़िम है। पुर्तगाल से 11 नवंबर, 2005 को हिंदुस्तान के हवालगी किए जाने तक वह फरार था। तब से लेकर अब तक कई मामलों में उस पर मुकदमा चल रहा है और मुंबई और ठाणे की जेलों में बंद रहा है।