हैदराबाद 01 मई: हुकूमत ने महिकमा अकलेती बहबूद के बजट को 489 करोड़ से इज़ाफ़ा करते हुए 1027 करोड़ करदिया है। ताहम इस के मुकम्मिल और मुनासिब ख़र्च के बारे में उस की संजीदगी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछ्ले तकरीबन एक माह से अकलेती बहबूद के प्रिंसिपल सेक्रेटरी का ओहदा ख़ाली है और हुकूमत ने इस पर किसी ओहदेदार का तकर्रुर नहीं किया।
श्रीमती आई रानी कुमोदनी का 6 मार्च को प्रिंसिपल सेक्रेटरी अकलेती बहबूद की हैसियत से तबादला किया गया और उन की ख़िदमात मर्कज़ी वज़ारत ज़राअत के हवाले की गई।
इस के बाद प्रिंसिपल सेक्रेटरी समाजी भलाई जय रेमंड पीटर को अकलेती बहबूद की ज़ाइद ज़िम्मेदारी दी गई है। महिकमा समाजी भलाई अज़ ख़ुद एक बड़ा महिकमा है और रेमंड पीटर को अपने महिकमा के उमूर से निमटने के बाद इतना वक़्त नहीं कि अकलेती बहबूद के उमूर पर तवज्जा दे सकें।
उन्होंने आज तक ज़ाइद ज़िम्मेदारी के बावजूद अकलेती बहबूद के बारे में कोई मीटिंग तलब नहीं किया और ना ही अकलेती इदारों के ज़िम्मेदारों से कोई मुशावरत की।
हद तो ये है कि अकलेती इदारों के आला ओहदेदारों को उन से मुलाक़ात के लिए सेक्रेटेरिएट के चक्कर काटने पड़ते हैं , फिर भी उन्हें मायूसी हाथ लगती है।
अकलेती बहबूद के महिकमा से हुकूमत की अदम दिलचस्पी का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अकलेती बहबूद के ओहदेदार एक से ज़ाइद ओहदों पर ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं। नायब सदर नशीन-ओ-मैनेजिंग डायरेक्टर अकलेती मालीयाती कारपोरेशन एम ए वहीद को हुकूमत ने नाए क़ायम शूदा कमिश्नरेट अकलेती बहबूद का इंचार्ज कमिशनर मुक़र्रर किया।
एम ए वहीद 30 मई को रिटायर्ड हूजाएंगे। उन्होंने कमिश्नरेट के क़ियाम और इस के दफ़्तर के आग़ाज़ के लिए तिलक रोड पर एक इमारत किराये पर हासिल की गई लेकिन अभी तक कमिश्नरेट का बाक़ायदा आग़ाज़ अमल में नहीं आया।
एम ए वहीद पहले ही दो ज़िम्मे दारियां सँभाल रहे थे कि उन्हें तीन दिन पहले मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्चिन फ़ैइनेंस कारपोरेशन के ओहदे की ज़िम्मेदारी देदी गई है।
मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्चिन फ़ैइनेंस कारपोरेशन य्सोरत्नम का तबादला करदिया गया है। अगर 30 मई तक नए कमिशनर अकलेती बहबूद और मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्चिन फ़ैइनेंस कारपोरेशन का तकर्रुर नहीं किया गया तो एम ए वहीद की वज़ीफे पर सुबकदोशी के बाद तीन अहम ओहदे ख़ाली हूजाएंगे।
इस के अलावा और दो ओहदेदार एक से ज़ाइद ओहदे सँभाले हुए हैं, जिन में प्रोफेसर एस ए शकूर , डायरेक्टर सेंटर फ़ार एजूकेशनल डेवलपमनट आफ़ माइनॉरिटीज के साथ साथ सेक्रेटरी डायरेक्टर उर्दू एकेडेमी की ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं जबके एम ए हमीद एग्जीक्यूटिव ऑफीसर हज कमेटी के अलावा चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड की ज़ाइद ज़िम्मेदारी सँभाले हुए हैं। इस तरह अकलेती बहबूद और इस के इदारों का हाल सरफ़ख़ास(लापरवाही) के दफ़ातिर का हाल बन चुका है, जिन का कि कोई पुर्साने हाल नहीं।