एक कनड़ा रोज़नामा में इर्द वास्को लूं के बारे में शाय शूदा मज़मून से मुताल्लिक़ कर्नाटक उर्दू अकैडमी में मुख़्तलिफ़ इदारों अंजुमनों और इदारों के नुमाइंदों की एक मीटिंग मुनाक़िद हुई।
मज़मून के सयाक़ वसबाक़ पर तबादला-ए-ख़्याल करते होई इदारों के सभी अराकीन और ज़िम्मेदारों ने ग़म-ओ-ग़ुस्सा का इज़हार क्या । उर्दू ज़बान , उर्दू कल्चर और उर्दू मदारिस की एहमीयत के पेशे नज़र शुरका ने मज़कूरा मज़मून के मशमूलात पर मुतज़क्किरा सियासी अहबाब की आरा को मुस्तर्द किया।
नीज़ इस बयान से रियासत भर में पैदा होने वाली बेचैनी की लहर पर भी गौरव ख़ौस कियागया।ख़ोशदलान कर्नाटक के नायब सदर सय्यद बशीर अहमद ने अपने ख़्यालात का इज़हार करते हुए कहा कि दस्तूर हिंद की दफ़ा 352Aके मुताबिक़ हिंदुस्तान के हर शहरी को अपनी मादरी ज़बान में इबतिदाई तालीम पाने का हक़ हासिल है। इस सिलसिले में कर्नाटक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले भी मौजूद हैं । रियासती हुकूमत की पालिसी भी यही रही है कि यहां के बच्चों को उनकी मादरी ज़बान में इबतिदाई तालीम दी जानी चाहिए। माहिरीन लिसानियात-ओ-माहिरीन तालीम की राय हैके बच्चों को इबतिदाई तालीम उनकी मादरी ज़बान में ही देनी चाहिए।