अक़लीयतों की आबादी की बुनियाद पर अक़लीयती इदारों की तक़सीम

तेलंगाना हुकूमत अक़लीयती इदारों की तक़सीम के सिलसिला में अज़ला की तादाद की बजाय अक़लीयतों की आबादी को बुनियाद बनाने का मंसूबा रखती है। चीफ़ सेक्रेट्री तेलंगाना डॉक्टर राजीव शर्मा के पास मुनाक़िदा मुख़्तलिफ़ मह्कमाजात के एक आला सतही इजलास में इस बात का इशारा दिया गया।

रियासत के मुख़्तलिफ़ इदारों की तक़सीम के अमल के आग़ाज़ के साथ ही स्पेशल सेक्रेट्री अक़लीयती बहबूद सैयद उमर जलील ने उस वक़्त के चीफ़ सेक्रेट्री को तजवीज़ पेश की थी कि दीगर मह्कमाजात के लिए तए शूदा क़्वाइद का अक़लीयती बहबूद पर इतलाक़ ना किया जाये।

उन्हों ने कहा था कि तेलंगाना में चूँकि अक़लीयतों की आबादी ज़्यादा है लिहाज़ा आबादी की बुनियाद पर फ़ंड्ज़, इन्रा शस्ट्रक्चर और मुलाज़मीन की तक़सीम अमल में लाई जानी चाहीए।

मुसलमानों की आबादी आंध्र प्रदेश की मजमूई आबादी में 6.93 फ़ीसद है। दोनों रियास्तों में अक़लीयतों की आबादी के इस फ़र्क़ को देखते हुए हुकूमत तेलंगाना को ज़ाइद हिस्सेदारी पर ग़ौर कर रही है।