सदर नशीन प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी-ओ-साबिक़ रियासती वज़ीर मिस्टर मुहम्मद अली शब्बीर ने वज़ीर आज़म डाक्टर मनमोहन सिंह को मकतूब (लेटर) रवाना करते हुए 4.5 फीसद अकलियती ज़िमनी कोटा रिज़र्वेशन की आंधरा प्रदेश हाईकोर्ट में पैरवी करने के मुआमले में ग़फ़लत और लापरवाही का मुज़ाहरा करने वाले मर्कज़ी हुकूमत के तीन वज़ारतें और ज़िम्मेदार क़ाइदीन-ओ-आला ओहदेदारों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का मुतालिबा , अस्सिटैंट सॉलीसिटर जनरल पर बी सी तबक़ात से मैच फिक्सिंग करते हुए तहफ़्फुज़ात को नुक़्सान पहूँचाने का इल्ज़ाम आइद क्या ।
आज गांधी भवन में प्रेस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए मिस्टर मुहम्मद अली शब्बीर ने वज़ीर आज़म को तहरीर करदा मकतूब (लेटर) मीडिया को पेश करते हुए कहा कहा यु पी ए की चीयर परसन सोनिया गांधी की क़ियादत में काम करने वाली मर्कज़ी हुकूमत अक़लीयतों को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने के मुआमले में संजीदा है । वाअदे के मुताबिक़ अक़लीयतों को 4.5 फीसदरिज़र्वेशन भी फ़राहम किए गए थे ताहम (फिर भी) बी सी वेलफ़ेयर के सदर मिस्टर आर करिशनया ने इस को आंधरा प्रदेश हाईकोर्ट में चैलेंज किया मगर मर्कज़ी हुकूमत की तीन वज़ारतें ला एंड जस्टिस , एच आर डी , और अकलियती उमूर ने हाईकोर्ट के मुक़द्दमा में ग़फ़लत और लापरवाही से काम लिया ।
अस्सिटैंट सॉलीसिटर जनरल ने 4.5 फीसद रिज़र्वेशन के हक़ में ठोस दलायल पेश नहीं किया और ना ही अटार्नी जनर-ओ- सॉलीसिटर जनरल से मुशावरत(मशवरा) (मशवरा)करने के लिये अदालत से मज़ीद वक़्त तलब किया जिस पर चीफ जस्टिस हाईकोर्ट ने 4.5 फीसद अकलियती तहफ़्फुज़ात को कलअदम(मनसूख) क़रार दिया । हाईकोर्ट के इस फैसले से सारे मुल्क के अक़लीयतों बिलख़सूस मुस्लमानों में तशवीश की लहर पाई जाती है ।
आंधरा प्रदेश के ज़िमनी इंतिख़ाबात (उप चुनाव)में भी इस का असर पड़ा है । वाई एस आर कांग्रेस पार्टी ने हाईकोर्ट के फैसले को हथियार बनाकर इस्तिमाल किया । नतीजे में अक़लीयतों बिलख़सूस मुस्लमानों ने वाई एस आर कांग्रेस पार्टी की भरपूर ताईद की है ।वज़ीर आज़म डाक्टर मनमोहन सिंह तीनों मह्कमाजात(डिपार्टमेंट) के वुज़रा(मंत्री) और उन के आला ओहदेदारों का फ़ौरी इजलास तलब करें । आंधरा प्रदेश हाईकोर्ट के मुक़द्दमे में ठोस सबूत और दलायल पेश करने में नाकाम रहने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें तभी अक़लीयतों बिलख़सूस मुस्लमानों का कांग्रेस पर एतिमाद बहाल हो सकता है ।
मिस्टर मुहम्मद अली शब्बीर ने बताया कि 1990 मैं मंडल कमीशन की सिफ़ारिशात पर ओ बी सी तबक़ात को 27 फीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहम किए गए थे जिस में मुस्लमानों को एक फीसद से भी कम 0.98 फीसद तहफ़्फुज़ात हासिल हैं । ताहम (फिर भी) तब सुप्रीम कोर्ट ने इस को कलअदम(मनसूख) क़रार दिया था मर्कज़ी हुकूमत दुबारा सुप्रीम कोर्ट से रुजू हुई और 1993 से ओ बी सी के लिये 27 फीसद तहफ़्फुज़ात पर अमल किया जा रहा है ।
सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशात के बाद मर्कज़ी हुकूमत ने 27 फीसद ओ बी सी कोटा में 4.5 फीसद अकलियती ज़िमनी कोटा रिज़र्वेशन फ़राहम क्या इस के लिये अलहदा कमीशन तशकील देने की ज़रूरत भी नहीं है । ताहम (फिर भी) आंधरा प्रदेश हाईकोर्ट के बजट में अस्सिटैंट सॉलीसिटर जनरल ने सच्चर कमेटी के सिफ़ारिशात और मर्कज़ी हुकूमत के इस्तिदलाल को ठोस अंदाज़ में पेश नहीं किये और ना ही सॉलीसिटर जनरल या अटार्नी जनरल से मुशावरत(मशवरा) करने के लिये हाईकोर्ट से वक़्त तलब किया ।
4.5 फीसद अकलियती सब कोटा तहफ़्फुज़ात को कलअदम(मनसूख) क़रार देते हुए चीफ जस्टिस ने अपने रिमार्कस में ये भी कहा कि ठोस दलायल पेश ना करने की वजह से वो अकलियती सब कोटा को कलअदम(मनसूख) क़रार दे रहे हैं । अस्सिटैंट सॉलीसिटर जनरल के मुबाहिस के तरीका कार पर शक होता है कि उन्हों ने बी सी तबक़ात से मैच फिक्सिंग करते हुए 4.5 फीसद अकलियती कोटा को नुक़्सान पहुंचा है ।।