हमेशा चर्चा में बनी रहने के लिए जानी जाने वाली केंद्रीय एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी के बारे में कुछ ग़लतफहमी बनाई गई है कि कि वह प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में सबसे ताकतवर मंत्रियों में से एक हैं और उनके साथ ही सबसे ज्यादा विवाद भी जुड़े हुए हैं। वाशिंगटन पोस्ट के एक लेख के मुताबिक़ स्मृति ईरानी अपनी हाजिरजवाबी के चलते सुर्खियों में रहती हैं और इसके साथ ही शैक्षणिक योग्यता और शिक्षा के भगवाकरण के आरोपों में तो वह अक्सर ही घिरी रहती हैं। कहा जाता है कि स्मृति मोदी की सबसे पसंदीदा मंत्रियों में से एक हैं। वह देश के युवाओं को नौकरियों के तैयार करने में भी नाकाम रही हैं।
इस लेख में इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने जमकर मैडम ईरानी की निंदा करते हुए कहा है कि वह अक्खड़ और अज्ञान का बेहतर कॉम्बिनेशन है तो वह शिक्षा मंत्री के रूप में कैसे सफल हो सकती हैं। उन्होंने पहले से कमजोर यूनिवर्सिटीज को नजरअंदाज किया है इसलिए बुरी तरह से फेल रही है। वह सरकार की एंटी इंटेलेक्चुअल थीम पर काम करते हुए विद्वानों और वैज्ञानिकों का अपमान कर रही हैं।