अक़लियत बेदारी के कोंवेनर व अवामी कु-ओपरेटिव बैंक के चेयरमैन अनवर अहमद का कारवां मधेपूरा जिला के किशनपुर ब्लॉक के रहटा और मुखतलिफ़ पंचायतों का दौरा करते हुये काफला मधेपूरा पहुंचा जहां मुंसिपल्टी के कई वार्ड के मुसलमानों की सुरतेहाल का जायजा लिया गया। ये बात सामने आई के 2008 में कुशहा के नजदीक सैलाब आया था उसके पानी से सैकड़ों गाँव तबाह और बर्बाद हो गए थे । इस दौरान मधेपूरा जिला के कई गाँव पानी में डूब गया। सरकार के जरिये जो रिलीफ़ दिये गए उस में एक सोचीसमझी साजीश के तहत कई गाँव जिसमें मुसलमानों की कसीर आबादी है, उसकी आज तक बाज़ अबादकारी नहीं की इसके सबब गरीब अफराद दर दर भटकते रहे लेकिन अज़ तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल सका जिसकी वजह से छोटी-छोटी फूस की झोपड़ी बना कर ये लोग अपनी ज़िंदगी गुजारने पर मजबूर हैं। जहां एक तरफ इसकी रोजी रोटी का मसला है तो दूसरी तरफ इस मुसलमान गरीब के बच्चे की तालीम की भी बड़ा मसला बन चुकी है। यहाँ के मुक़ामी लोगों ने बताया के इस मसला को लेकर वजीरे आला के अवामी दरबार और डीएम के अवामी दरबार तक फरियाद लेकर गए लेकिन किसी ने भी इस मसले को हल नहीं किया। आखिर हम जाएँ तो जाएँ कहाँ।
कारवां में शामिल आरजेडी के ज़िला सदर प्रोफेसर मोहम्मद ताहिर ने कहा की मधेपूरा में मुसलमान ज़िल्लत की ज़िंदगी जीने पर मजबूर हैं दूसरी जानिब हुकूमत की जानिब से अलग दावे किए जा रहे हैं कारवां में साथ चल रहे इस्राइल अंसारी ने कहा की वजीर आला नीतीश कुमार पसमांदा मुसलमान को ठगने का काम कर रहे हैं। इसके लिए इस सरकार में कोई सहूलतें दस्तयाब नहीं कराई जा रही है। मीटिंग में सूरज उर्फ नियाज़ अहमद, नौशाद आलम, यूसुफ साहब, मोहम्मद मुरशीद आलम, मुख्तार आलम, सदरुल साहब, मोहम्मद शमीम, मोहम्मद गायसुद्दीन, प्रोफेसर मुश्ताक आलम, मुरशीद आलम, मोहम्मद मोईनुद्दीन, आसिफ हैदर वगैरह मौजूद थे।