नई दिल्ली।समाजवादी पार्टी से खुद को 6 साल के लिए निष्कासित किए जाने के बाद रामगोपाल यादव ने एक बयान जारी किया। पार्टी से निकाले जाने का दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा नेता जी आसूरी शक्तियों से घिरे हुए हैं। जब नेता जी इन शक्तियों से आजाद होंगे तब उन्हें सच्चाई का अहसास होगा। खुद पर पार्टी तोड़ने की कोशिश करने के इल्जामों से आहत रामगोपाल ने कहा उन्हें पार्टी से निकाले जाने का कोई गम नहीं है, लेकिन घटिया आरोपों से तकलीफ है।
अपने बयान में रामगोपाल ने लिखा है, ‘ नेताजी मुलायम सिंह यादव ना सिर्फ मेरे बड़े भाई है , साथ ही राजनीति में मेरे गुरु भी रहे हैं., और रहेंगे। मैं ताउम्र उनका सम्मान करता रहूंगा। मैं समाजवादी पार्टी में रहूं या ना रहूं पर इस धर्मयुद्ध में मैं अखिलेश यादव के साथ हूं और उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाने तक रहूंगा।’
रामगोपाल ने बीजेपी से मिलीभगत के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि लोकतंत्र में अन्य दलों के नेताओं से मिलना कोई अपराध नहीं है। सैफई में एक पारिवारिक समारोह में प्रधानमंत्री को बुलाने के लिए मैं जरुर नेताजी के साथ मोदी जी से मिला था।
रामगोपाल ने समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से अखिलेश का साथ देने की अपील की है। उन्होंने कहा, मैं फिर समाजवादी साथियों से अपील करुंगा कि किसी धोखे या भ्रम में ना रहे, पूरी ताकत से अखिलेश के साथ जुटें ताकि राजनीति के दलाल, अखिलेश को हटाने की अपनी कोशिश में कामयाब ना हो।